New Delhi : कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार ने केंद्र सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अब केंद्र में नये सिरे से कवायद शुरु हो गई है। अब जिम्मेदारों से अनलॉक-1 के हालतों पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जल्द नये दिशानिर्देश आयेंगे। एक जून के बाद दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद समेत कई क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। इससे केंद्र की रणनीति को भी झटका लगा है।
सरकार में अनलॉक वन के दौरान की स्थितियों का गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है और भावी रणनीति की तैयारी की जा रही है।
Madhya Pradesh: Shops have reopened in Indore following relaxations in lockdown. A shopkeeper says, "we opened shops almost after 60-65 days. There is very less footfall in the market. All our savings have also exhausted." (12/6) pic.twitter.com/iCmOuh1Ptm
— ANI (@ANI) June 12, 2020
केंद्र सरकार में उच्च अधिकार प्राप्त विशेष दल स्थिति पर न केवल निगरानी रखे हुए हैं, बल्कि हर राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के आंकड़ों पर मंथन भी कर रहे हैं। सबसे बदतर हालत दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की है जिनसे पूरे देश में गलत संदेश जा रहा है और सरकार की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हुये हैं।
कई राज्यों से लॉकडाउन की मांग आने लगी है। मध्य प्रदेश में भोपाल में शनिवार व रविवार को लॉक डाउन की घोषणा की गई है। महाराष्ट्र सरकार ने भी लोगों को इस बारे में चेतावनी दी है। ऐसे में केंद्र के सामने सबसे बड़ी दुविधा यही है कि वह फिर से लॉकडाउन की तरफ लौटे या फिर मौजूदा स्थितियों में भी नए तौर-तरीकों से हालात को नियंत्रित करें। राज्य भी ऐसे हालात में केंद्र की तरफ देख रहे हैं।
Shops dealing with essential commodities/services shall remain open on all days till 7 pm. Restaurants (for takeaway/home delivery only) & liquor shops will also continue to be open till 8 pm on all days: Punjab Govt. https://t.co/LnC1EZ2ERP
— ANI (@ANI) June 12, 2020
केंद्र सरकार और राज्यों के बीच जल्दी उच्चस्तरीय विचार-विमर्श हो सकता है जिसमें अनलॉक एक के दौरान बिगड़े हालातों को थामने के उपायों पर चर्चा के साथ नए दिशा निर्देशों की तैयारी की जा सकती है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के संपर्क में है, लेकिन अब विभिन्न स्तरों पर एक साथ कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही है। केंद्र सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि जल्दी ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो जुलाई माह में हालात और बदतर हो जाएंगे।