New Delhi : भारत सरकार ने 59 चाइनीज एप्स को बैन कर दिया है। सरकार ने इस फैसले से जहां चीन को सख्त संदेश दिया है वहीं भारत में मोटा मुनाफा कमाते हुए यूजर्स डेटा से खिलवाड़ करने वाली कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। टिकटॉक जैसी एप्स के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार था, जिसके सहारे बाइट डांस जैसी कंपनियां फेसबुक जैसी कंपनियों को टक्कर देने का सपना देख रही थी।
#Breaking: Amid tensions with #China over border issues, #India has banned 59 Chinese apps including #TikTok, UC Browser, claiming they are “prejudicial to sovereignty and integrity of India, defence of India, security of state and public order.” pic.twitter.com/P9489ECz6h
— Global Times (@globaltimesnews) June 29, 2020
कुछ ही सालों में टिकटॉक ने भारत पर अपनी पकड़ बेहद मजबूत कर ली थी। करोड़ों मोबाइल में एप डाउनलोड से टिकटॉक खूब कमाई भी करने लगा था। अक्टूबर से दिसंबर 2019 के बीच महज तीन महीनों में इस एप से कंपनी को 25 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था, जबकि इस साल जुलाई से सितंबर के बीच कंपनी ने 100 करोड़ रुपए रेवेन्यू का लक्ष्य रखा था। एप पर विज्ञापनों के जरिए कंपनी की आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा था।
भारत में टिकटॉक को करीब 47 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका था। इसके कुल यूजर्स का 30 फीसदी हिस्सा भारत में था। भले ही रेवेन्यू के मामले में यह एप भले ही फेसबुक से बहुत पीछे था, लेकिन यूजर्स बेस के मामले में इसने फेसबुक जैसी दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था।
टिकटॉक के अलावा शेयर इट, यूसी ब्राउजर,यूसी न्यूज, हेलो, लाइकी, वीचैट, वीगो, कैम स्कैनर, क्लीन मास्टर जैसे एप के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार था। अधिकतर एप्स का यूजर बेस करोड़ों में था और इनकी खूब कमाई भी हो रही थी। यूसी ब्राउजर देश में गूगल क्रोम के बाद सबसे बड़ा ब्राउजर बन गया था।
Government Bans 59 mobile apps which are prejudicial to sovereignty and integrity of India, defence of India, security of state and public order#59Chinese
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— PIB India (@PIB_India) June 29, 2020
सरकार ने अलग अलग तरीके के 59 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ”उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं।