NEW DELHI : कुछ दिन पहले अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर पूरी के शंकराचार्य सहित देश के चारों शंकराचार्य ने इस उद्घाटन समारोह का विरोध किया था. तर्क दिया गया था कि वेद पुराण के अनुसार मंदिर में प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा नहीं किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आनन फानन में मंदिर तैयार हुए बिना अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है. अब इस मामले पर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने मोर्चा खोल दिया है और शंकराचार्य का नाम लिए बिना कहा है कि जो लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं उनके पास कोई असली मुद्दा नहीं है. आईए जानते हैं इस मुद्दे पर किसने क्या कहा….
आध्यात्मिक गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, “भगवान राम 22 जनवरी को पधार रहे हैं, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है लेकिन कुछ लोग मुद्दा बना रहे हैं… जब सरदार पटेल ने श्री सोमनाथ मंदिर के निर्माण की पहल की, तो ‘गर्भगृह’ भी पूरा नहीं बना था, लेकिन ‘प्राण प्रतिष्ठा’ हुई थी….अब तो ‘गर्भगृह’ (राम मंदिर का) तैयार है और प्रथम तल भी तैयार है…”
दूधेश्वर मंदिर के पूजारी महंत नारायण गिरी ने कहा, “…500 वर्षों के संघर्ष के बाद भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 1950-1951 में सोमनाथ मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ हुई थी… 14 साल बाद 1965 में वहां ‘कलश’ और ‘ध्वजा’ स्थापित की गई थी… यह एक बहुत शुभ समय है इसलिए सभी को इसका समर्थन करना चाहिए।”
अयोध्या सरयू महाआरती के अध्यक्ष शशिकांत दास महाराज ने कहा, “कुछ लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में बहुत भ्रामक प्रचार कर रहे हैं… मैं याद दिलाना चाहता हूं कि जिस समय सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उस समय मंदिर का गर्भगृह और शिखर नहीं बन पाया था…आज भगवान का गर्भगृह और शिखर भी बनकर तैयार है… अगर प्रधानमंत्री मोदी नहीं होते तो आज ये मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता…”
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