New Delhi : केंद्र सरकार अति महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड चंबल एक्सप्रेस-वे परियोजना के माध्मय से बीहड़ इलाकों में सड़क बना रही है। इसी कड़ी में 8250 करोड़ की लागत से 400 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे चंबल नदी के समानांतर बनाया जाएगा। यूपी, एमपी व राजस्थान सरकार से सड़क निर्माण के अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने को कहा गया है, जिससे केंद्र सरकार बस पोर्ट, ड्राइविंग ट्रेनिंग संस्थान आदि बनवा सके। भविष्य में इंदौर, जबलपुर व जयपुर में प्रस्तावित लॉजिस्टिक पार्क एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना है।
The proposed ₹8,250-crore #ChambalExpressway could be a game changer for the poor and the tribal community living in far-flung areas, Union Minister Nitin Gadkari said.https://t.co/DqMH0zhYoR
— The Hindu (@the_hindu) July 4, 2020
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले हफ्ते चंबल एक्सप्रेस-वे परियोजना की समीक्षा बैठक में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण) के अध्यक्ष एसएस सिंधु को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस-वे केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से बनने वाला आधारभूत-संरचना के विकास का नवीनत मॉडल होगा। पहली बार भूमि अधिग्रहण का 100 फीसदी खर्च राज्य सरकार उठा रही हैं। अन्यथा इसका 50 फीसदी पैसा एनएचएआई को देना होता है।
चार लेन एक्सप्रेस-वे के लिए 70 मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिससे भविष्य में इसे छह लेन का बनाया जा सके। साथ ही राज्यों से एक्सप्रसे-वे के किनारे अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण के लिए कहा गया है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके। उस भूमि पर एनएचएआई एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पादन केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, स्मार्ट सिटी, शिक्षा केंद्र, रिजॉट्र्स व मनोरंजन केंद्र बनाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारें बस पोर्ट, ड्राइविंग ट्रेनिग संस्थान आदि बनाने का प्रस्ताव भेज सकती हैं। सरकार परियोजना पर 8250 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मध्य प्रदेश-राजस्थान के बॉर्डर शेओरपुर होकर चंबल एक्सप्रेस-वे बीरपुर, सबलगढ़, झंडुपरो, गोहद, मुरैना, अम्बा, बहरी (भिंड) पर जाकर समाप्त होगा। 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में इटावा होते हुए सिर्फ 17 किलोमीटर क्षेत्र से होकर गुजरेगा, लेकिन इस एक्सप्रेस-वे से इटावा से कोटा का सफर 11 घंटे के बजाए छह घंटे में पूरा होगा। यानी पांच घंटे समय कम हो जाएगा।
चंबल एक्सप्रेस वे के बनने के बाद हम यहां इंडस्ट्री क्लस्टर डेवलप करेंगे, टाउनशिप लायेंगे। हमारा यह पिछड़ा इलाका विकास पथ पर दौड़ पड़ेगा: मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/lYPIBEsKqP
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) July 4, 2020
इटावा के आसपास क्षेत्र जसवंत नगर, भरथना, बिधुना, बेला, करहल फिर छिबरामुऊ शिकोहाबाद, फिरोजाबाद व मैनपुरी आदि शहरों को एजुकेशन हब कोटा से सीधे जोड़ देंगे। कानपुर-कोटा के लिए एनएच-27 से सीधी कनेक्टिविटी है। 550 किलोमीटर के सफर को तय करने में 10-12 घंटे लगते हैं। चंबल एक्सप्रेस-वे कानपुर के लिए सीधा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगा।