New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गालवान घटना पर दुख जाहिर करते हुये कहा – यह र्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अपने कर्तव्य में साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। देश के लिये अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरा दिल सैनिकों के परिवारों के लिये पसीज रहा है। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें उनकी वीरता के शौर्य और साहस पर गर्व है।
Nation will never forget their bravery and sacrifice. My heart goes out to the families of the fallen soldiers. The nation stands shoulder to shoulder with them in this difficult hour. We are proud of the bravery and courage of India’s bravehearts: Defence Minister Rajnath Singh https://t.co/888M8pA3R1
— ANI (@ANI) June 17, 2020
15 जून की रात को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ से अप्रत्याशित कार्रवाई हुई। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा घटनाक्रम के बाद एक चीनी सैन्य प्रवक्ता ने मंगलवार 16 जून को कहा – भारत सीमा पर चीनी सैनिकों के खिलाफ सभी भड़काऊ कार्रवाइयों को तुरंत रोके और बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाने के सही रास्ते पर वापस आये। पीएलए ने कहा- भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर गलवान घाटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया। जानबूझकर उकसाया। परिणाम स्वरूप गंभीर संघर्ष हुआ।
From the Chinese side, we do not wish to see more clashes: Zhao Lijian, Chinese Foreign Ministry Spokesperson on #GalwanValley clash pic.twitter.com/SEQWGUvg6W
— ANI (@ANI) June 17, 2020
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा – चीनी पक्ष से, हम भारत के साथ और अधिक टकराव नहीं देखना चाहते हैं। गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है। सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति के बाद भी भारतीय सैनिकों ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। हम भारत से अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उत्तेजक गतिविधि को रोकने के लिये बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने के लिए कहते रहे हैं। हम राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार कर रहे हैं। यह घटना एलएसी के चीनी पक्ष में हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं दिया जाये।