New Delhi : भारत के सबसे बेहतरीन चरित्र अभिनेताओं में से एक ने 25 साल की उम्र के बाद अपनी वास्तविक जन्मतिथि का पता लगाया। जी हां, हम बात कर रहे हैं ओम पुरी की। ओम पुरी को मुश्किल परिस्थितियों में पाला गया था और उनके माता-पिता को उनके जन्मदिन के बारे में याद रखने वाली एक ही बात ध्यान में थी और वह यह कि 1950 में दशहरा के दो दिन बाद का दिन था। मुंबई में सालों बाद ओम पुरी को इसका ज्ञान हुआ। इस पर बात करते हुये ओम पुरी ने कहा था- मैं बचपन में कचरा-कूड़ा बीनता था। मैं रेल की पटरियों से कोयला उठाता था। बेपर्दा और पतला था। मैं नायक, खलनायक या हास्य अभिनेता की तरह नहीं दिखता था।
“I was a rag-picker. I used to pick up coal from the railway tracks. Was unkempt and skinny. I did not look like hero, villain or comedian”
Om Puri would’ve turned 69 today
remembering the legendary actor, ‘The Unlikely Hero’ pic.twitter.com/3FKkiEqy9H
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) October 18, 2019
One of India's finest character actors found out his real birth date after he turned 25. Om Puri was raised in difficult circumstances and the only thing his parents remembered about his birthday was that it was two days after Dusshera in 1950. Years later in Mumbai.. pic.twitter.com/J9eTjklVIb
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) October 18, 2020
…but he also gave us Ahuja from Jaane Bhi Do Yaaron, the wily Kakaji in Basu Chatterje's teleserial Kakaji Kaheen and so many more films. An amazingly versatile actor who left us way too soon. pic.twitter.com/AqwoH7NRUo
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) October 18, 2020
आज ओमपुरी अगर होते तो हम उनकी 70वीं सालगिरह मना रहे होते। ओम पुरी हिंदी, पंजाबी, ब्रिटिश और अमेरिकी फिल्मों में कई तरह की भूमिकाओं के लिये और अपने आकर्षक अभिनय शैली के लिये प्रसिद्ध थे। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और अपनी गहरी आवाज और संवेदनशील प्रदर्शन के साथ सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जगह बनाई। ओम पुरी एक अंतर्मुखी व्यक्ति थे। खुलने और लोगों से बात करने और यहां तक कि दोस्त बनाने में भी काफी समय लेते थे। महिलाओं से बात करते समय ओम पुरी हमेशा सहमे रहते थे।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में ओम पुरी के पास जटिल मुद्दे थे। अपने NSD दिनों के दौरान सबको प्रभावित करने वाले अभिनय, प्रदर्शन के लिये उन्हें फूल और चॉकलेट मिले। पुरी को हमेशा पंजाबी परवरिश के कारण भाषा की समस्या थी। लेकिन उन्होंने विभिन्न भाषाओं में फिल्में करने का फैसला किया और शूटिंग से पहले विशेष भाषा की मूल बातें सीखने में महीनों का समय लगाते थे। ओम पुरी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1976 में मराठी फ़िल्म घासीराम कोतवाल से की और एक कन्नड़ फ़िल्म ए 47 से।
एनएसडी में अपने दोस्तों की मदद से, ओम पुरी ने अंग्रेजी भाषा में सबक लेना शुरू किया और अंग्रेजी में 20 से अधिक फिल्में कीं। ओम पुरी हमेशा अपनी मोटी नाक को लेकर सचेत रहते थे। इस नाक की वजह से वे बेहद अनिश्चित थे कि क्या वह कभी फिल्मों में अभिनय कर पायेंगे। एनएसडी में शामिल होने का उनका मुख्य उद्देश्य मान्यता और स्वीकृति प्राप्त करना था।
Remembering an actor par excellence of Indian as well International cinema #OmPuri ji on birth anniversary 🙏
With #NaseeruddinShah#ShabanaAzmi #PatrickSwayze (City Of Joy)
wife #Nandita & #JackNicholson (during The Wolf)#MichaelDouglas (The Ghost & The Darkness) pic.twitter.com/bWsrKTvDKY— Movies N Memories (@BombayBasanti) October 18, 2020
#OmPuri Birth Anniversary
Intensity has another name! pic.twitter.com/GwO1KYtFI5— International Film Festival of Kerala (@iffklive) October 18, 2020
Remembering one of the finest actors of Indian Cinema, on his Birth Anniversary #OmPuri #ebrahimalkazi @irfaniyat @nirupamakotru @nsd_india @abhinavmania pic.twitter.com/OE7e5u6BKj
— Mera Pedia (@MeraPedia) October 18, 2020
ओम पुरी को डांस नहीं आता था। वे इसे अपने अभिनय जीवन की सबसे बड़ी कमजोरी मानते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- मेरे जीवन का सबसे शर्मनाक क्षण था, जब द हंड्रेड फुट जर्नी में दिग्गज ब्रिटिश अभिनेत्री हेलेन मिरेन के साथ डांस करना था। उन्हें 1990 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। और 2004 में उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर की मानद उपाधि दी गई।