दारुल उलूम का फतवा – कोरोना टेस्ट का रोजे पर असर नहीं, खांसी-छींक से भी रोजा नहीं टूटेगा

New Delhi : दारुल उलूम ने फतवा जारी कर कहा है कि रोजे की स्थिति में भी कोरोना टेस्ट में कोई दिक्कत नहीं है। इससे रोजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यही नहीं फतवे में कहा गया है कि खांसी और छींक आने पर भी रोजा नहीं टूटेगा।
रमजान का महीना चल रहा है। कोरोना के चलते तमाम रोजेदार क्वारैंटाइन में हैं। इस दौरान रोजेदार कुछ मुद्दों को लेकर असमंजस में हैं। दारुल उलूम ने फतवा जारी कर इस असमंजस की स्थिति साफ की है। फतवे में कहा गया है कि रोजे की हालत में टेस्ट कराने से रोजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दारुल इफ्ता के मुफ्तियों की खंडपीठ ने फतवे में कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए नाक और मुंह से रबूबत (सैंपल) देने में कोई हर्ज नहीं है। साथ ही खांसी और छींक आने पर भी रोजा नहीं टूटेगा।

एक एक मरीज की हो रही जांच। प्रतीकांत्मक तस्वीर

बिजनौर के स्योहरा निवासी अरशद अली ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से सवाल किया था कि क्या रोजे की हालत में कोरोना वायरस का टेस्ट कराया जा सकता है? दारुल इफ्ता के वरिष्ठ मुफ्ती, मुफ्ती हबीबुर्रहमान और मुफ्ती महमूद बुलंदशहरी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय खंडपीठ ने फतवा संख्या एन-549 के माध्यम से अपने जवाब में फतवा देते हुए बताया कि कोरोना टेस्ट के लिए नाक और हलक (मुंह) में रुई लगी स्टिक लगाई जाती है। जिस पर किसी तरह की कोई दवा या केमिकल नहीं लगी होती।
खंडपीठ ने जारी फतवे में बताया कि यह स्टिक भी सिर्फ एक बार ही नाक और मुंह में लगाई जाती है। जिसमे नाक और हलक की रतूबत (गीला अंश) स्टिक पर लग जाने के बाद उसे मशीन के माध्यम से चेक किया जाता है। इसलिए कोरोना संक्रमण के टेस्ट से रोजे पर कोई असर नहीं पड़ता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *