एयरफोर्स अफसर की ह’त्या मामले में कोर्ट ने यासीन मलिक पर आरोप तय, उम्रकैद या फांसी !

New Delhi : जम्मू के टाडा कोर्ट ने 1990 में एयरफोर्स अफसर और 3 अन्य लोगों की त्य  मामले में Yasin Malik और 6 अन्यके खिलाफ आरोप लगाए हैं। 30 साल पुराने मामले को लेकर शनिवार को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस बात का अनुमानलगाने के पर्याप्त आधार है कि यासीन मलिक और अन्य सभी आरोपी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत वायुसेना के तीन जवानों कीत्य में शामिल थे। इसके पर्याप्त सबूत मिले हैं। कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों पर आरपीसी की धारा 302, 307, टाडा एक्ट1987 और आर्म्स एक्ट 1959 समेत अन्य धाराओं में अलगअलग आरोप तय करने के आदेश दिए थे।

यासीन मलिक और इस मामले का एक अन्य आरोपी शौकत बख्शी शनिवार को कोर्ट की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम सेदेख रहा था। सुरक्षा कारणों से उसे कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं किया गया था।

रवि खन्ना समेत तीन अन्य अधिकारी 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के एयरफोर्स बेस जा रहे थे, तभी आतंवादियों ने उन पर हमलाकर दिया था। इस हमले में वायुसेना के दो अधिकारियों की मौके पर ही मौ हो गई थी, जबकि एक को अस्पताल में भर्ती करायागया, जहां उन्होंने तोड़ दिया। इस हमले में वायुसेना के 40 अधिकारी घाय हुए थे। यासीन इस मामले में 19 साल तक जमानतपर रहा था। पिछले साल उसे गिरफ्ता किया गया था। इसके बाद से ही वह जेल में हैं। यासीन के खिलाफ टे फंडिंग और मुफ्तीमोहम्मद सईद की बेटी के अपरण  का मामला भी दर्ज है।

सीबीआई ने 1990 में ही यासीन मलिक के खिलाफ दो मामले में चालान पेश किया था। हालांकि, 1995 में यासीन ने कोर्ट में याचिकादायर कर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने यह याचिका स्वीकार कर ली थी। 2008 में यासीन ने इस मामले को जम्मू सेश्रीनगर शिफ्ट करने भी याचिका लगाई थी। हालांकि, यह मामला जम्मू कोर्ट में ही लंबित रहा। अप्रैल 2019 में सीबीआई ने यासीन कीयाचिका को चुनौती दी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। इसके बाद मामले की सुनवाई नए सिरे से शुरू हुई।

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