New Delhi : कोरोना वायरस महामारी को लेकर यह कयास जारी हैं कि यह वायरस वहां वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) या हुनान सी-फूड मार्केट से निकला है। इस डब्ल्यूआईवी लैब में 1500 से ज्यादा घातक वायरस मौजूद हैं, जो लीक होने पर दुनियाभर के लिए नया खतरा बन सकते हैं। डब्ल्यूआईवी की पी-4 प्रयोगशाला में इन पर शोध-प्रयोग किये जाते हैं। इस बीच ब्रिटिश मीडिया समूह द मेल की रिपोर्ट के अनुसार, वुहान लैब की दुर्लभ अंदरुनी तस्वीरें उजागर हुई हैं। तस्वीरें लैब से एक भयावह रिसाव की ओर इशारा करती है, जिसे बीजिंग द्वारा छिपाया गया है। तस्वीरों में वायरस के 1,500 अलग-अलग प्रकारों को संग्रहित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रेफ्रिजरेटर में से एक के दरवाजे पर एक टूटी हुई सील दिखाई देती है। इसमें बैट कोरोना वायरस भी शामिल है।
ऐसी तस्वीरें पहली बार 2018 में सरकारी स्वामित्व वाले चाइना डेली अखबार द्वारा जारी की गई थी। पिछले महीने ट्विटर पर इन रेफ्रिजरेटर की टूटी सील के फोटो उजागर हुए थे, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया। उनमें से एक पर टिप्पणी भी की गई थी कि मैंने अपने रसोई घर में रखे रेफ्रिजरेटर पर इससे बेहतर सील लगा रखी है। पिछले हफ्ते, इस अखबार ने यह भी खुलासा किया कि संस्थान ने युन्नान में चमगादड़ों पर कोरोना-वायरस के प्रयोगों को अंजाम दिया, जो कि अमेरिकी अनुदान द्वारा वित्त पोषित है। जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार की शाम वुहान संस्थान के लिए दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगाई थी। ट्रंप ने कहा था कि हम इस भयानक स्थिति की बहुत गहन जांच करवा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब के निदेशक युआन झिमिंग ने तमाम आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने सरकारी सीजीटीएन टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहा कि इस बात का सवाल ही नहीं कि वायरस लैब से आया है। हमारे यहां सख्त व्यवस्था है। झिमिंग ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग बिना किसी तथ्य या ज्ञान के लोगों को जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वायरस मानव निर्मित नहीं हो सकता और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं जो यह साबित करें कि यह कृत्रिम है।
चीन में सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर क्रूर कार्रवाई के किस्से किसी से छिपे नहीं हैं। महामारी के संभावित लीक पर मानवता की भलाई के लिए आवाज उठाने वालों को भी रातोंरात गायब कर दिया गया। इनमें कई पत्रकार, वैज्ञानिक, उद्यमी और वकील भी शामिल हैं। एक चिकित्सा विज्ञानी डॉ. ली वेनलियांग की मौत हो चुकी है। प्रकोप के पहले हफ्तों में 5,100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन्होंने अस्पतालों में कतारों, मास्क की कमी और रिश्तेदारों की मौत के बारे में ऑनलाइन संदेश थे। इन पर जुर्माना भी लगाया गया। बीमार बताकर उन्हें जबरन गुप्त क्वारंटाइन आइसोलेशन केंद्रों में रखा है।
छह प्रमुख व्हिसल ब्लोअर हैं गायब :
1- कपड़ा व्यापारी फेंग बिन को रात में पुलिस क्वारंटाइन के बहाने घर से ले गई। वह संक्रमित नहीं थे। फेंग ने एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने वायरस से मरने वाले लोगों को फिल्माया था और अस्पताल से बाहर निकाले गए बॉडी बैग्स रिकॉर्ड किया था। सेंसर किए जाने से पहले इसे 2,00,000 बार देखा गया था। बाद में फेंग को छोड़ दिया गया। 9 फरवरी को फेंग ने एक और वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सच उजागर करने पर कार्रवाई की बात बताई थी। इसके बाद पुलिस वापस ले गई और दो महीने से फेंग गायब हैं।
2- 30 दिसंबर को डॉ. ली वेनलियांग और सात अन्य डॉक्टरों को वुहान सेंट्रल अस्पताल में प्रकोप के बारे में चेतावनी देने और बचाव संबंधी सलाह देने पर कार्रवाई झेलनी पड़ी। डॉ. ली को जबरन आरोपी बनाकर पुलिस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए गए और 7 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई। डॉ. ली की मौत की सूचना के एक घंटे में 20 लाख ट्वीट हुए। लेकिन सोशल मीडिया पर सेंसरशिप जारी थी।
3- वकील चेन क्यूशी ने कोरोना पीड़ितों के साथ वुहान अस्पतालों में अराजक दृश्यों के वीडियो साझा किए थे। ये वीडियो यूट्यूब पर 4,00,000 से अधिक और ट्विटर पर 2,50,000 फॉलोअर्स ने देखे। पुलिस के दबाव पर उन्होंने कहा था, जब तक मैं जीवित हूं, मैं बोलूंगा जो मैंने देखा है और जो मैंने सुना है। मैं मरने से नहीं डरता। मुझे आपसे क्यों डरना चाहिए, कम्युनिस्ट पार्टी? क्यूशी अब गायब हैं।
4- 25 वर्षीय ली जहुआ, चीनी राज्य टीवी के पूर्व रिपोर्टर जो वुहान में मौत की सूचना दे रहे थे, अब गायब हैं। सादे कपड़ों वाले पुलिस अधिकारी उसके फ्लैट पर पहुंचे और गिरफ्तारी की। उन्हें शक था कि लैब रिसाव से प्रकोप शुरू हुआ है। ली ने वीडियो फिल्माई थी कि कैसे वुहान इंस्टीट्यूट का दौरा करने के बाद पुलिस ने उनका पीछा किया। उस लाइव वीडियो में वे घबराते हुए मदद मांग रहे थे।
5- अरबपति 69 वर्षीय प्रॉपर्टी व्यावसायी रेन जिकियांग एकमात्र गायब व्यक्ति हैं जिन पर चीन ने आधिकारिक टिप्पणी की है। रेन मार्च में राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर वायरस के प्रकोप फैलाने का आरोप लगाने के बाद से गायब हैं। बीजिंग के अधिकारियों ने कहा कि रेन को कानून और कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों के गंभीर उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था।
6- एक अन्य आलोचक कानून के प्रोफेसर जू झांग्रेन हैं, जिन्हें बीजिंग में नजरबंद कर दिया गया था। शी जिनपिंग की संकट से निपटने की आलोचना के बाद उनका इंटरनेट एक्सेस काट दिया गया। उन्होंने लिखा था कि हो सकता है यह आखिरी साबित हो।
हांगकांग स्थित वॉचडॉग चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स में शोध के उप निदेशक फ्रांसेस ईव ने कहा, हर कोई जो गायब हो गया है, बहुत यातना झेल रहा है। उनकी जान जोखिम में है। ईव ने कहा कि गुप्त क्वारैंटाइन आइसोलेशन केंद्र से आपकी अपने वकील या अपने परिवार किसी की भी पहुंच नहीं है। वहीं, ह्यूमन राइट्स वॉच चाइना की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा कि कोरोना वायरस सुरक्षा उपाय का लोगों को चुप कराने और उन्हें अधिकारों से वंचित करने के लिए सत्तावादी शासन ने दुरुपयोग किया है। हालांकि, अमेरिका में चीनी राजदूत कुई तियानकाई से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने दोनों बार व्हिसल-ब्लोअर के गायब होने की जानकारी होने से इनकार किया है।