New Delhi : चीन की अरबों डॉलर वाली महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के तहत चलने वाली अधिकतर परियोजनाएं कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आंशिक रूप से या बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। एक चीनी अधिकारी ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मामलों के विभाग के महानिदेशक वांग चियालोंग ने बताया – चीन के वैश्विक प्रभाव को और विस्तार देने के लिये एशिया, अफ्रीका और यूरोप में कोरोबार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाली बीआरआई की परियोजनाओं का करीब पांचवां हिस्सा महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
The #Pakistan–#China Friendship Association & The Daily Mail, Pakistan held a screening of #IronBrothers, a documentary on new dimensions of Pakistan-China ties under the #CPEC and #BRI on Thursday in Beijing. pic.twitter.com/JA34CWC2Ch
— Global Times (@globaltimesnews) September 5, 2019
हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंगपोस्ट ने वांग को उद्धृत करते हुये कहा – करीब 40 प्रतिशत परियोजनायें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और 30 से 40 प्रतिशत परियोजनाओं पर कुछ असर पड़ा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में सत्ता में आने पर बीआरआई को शुरू किया था। इसका उद्देश्य सड़क और समुद्री मार्ग से दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ना है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ने वाला चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी), बीआरआई की मुख्य परियोजना है। इन परियोजनाओं को फिर से गति देने के प्रयास के तहत चीन ने पिछले हफ्ते बीआरआई की पहली वीडियो कॉन्फ्रेंस की।
रिपोर्ट में कहा गया – जो परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं उनमें 60 अरब अमेरिकी डॉलर वाली सीपीईसी भी शामिल है। भारत ने सीपीईसी को लेकर चीन से अपना विरोध जताया था क्योंकि यह पाक के कब्जे वाले कश्मीर से होकर जा रही है। अखबार के मुताबिक मलेशिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, कंबोडिया और श्रीलंका समेत कुछ एशियाई देशों ने चीनी वित्त पोषण वाली इन परियोजनाओं पर या तो रोक लगा दी है या उन्हें विलंबित किया है।
Pandemic takes the shine off China’s Belt and Road Initiative as African partners struggle with coronavirus https://t.co/jdLsE1l6Gf
— SCMP News (@SCMPNews) June 28, 2020
कोरोना की बाधा ने सीपीईसी, कंबोडिया के शिहानुकविले विशेष आर्थिक क्षेत्र और इंडोनेशिया की जकार्ता-बानडुंग हाईस्पीड रेल परियोजना को प्रभावित किया है। बीआरआई के तहत कई परियोजनाओं को या तो रोक दिया गया है या उनमें बेहद कम काम हो रहा है। बीआरआई को चीन के विदेश में प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें वो दुनिया भर में अपने निवेश से आधारभूत परियोजनाओं का संचालन कर रहा है। श्रीलंका द्वारा 2017 में अपने कर्ज के बदले चीन को 99 सालों के लिए हंबनटोटा बंदरगाह के इस्तेमाल का पट्टा देने के बाद चीन पर यह आरोप भी लगने लगे हैं कि वह छोटे देशों को कर्ज के बोझ तले दबा रहा है।