New Delhi : भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थिति आज से कुछ सामान्य हुई है। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और अपने चीनी समकक्ष से बातचीत की। इसके बाद चीन की सेना गलवान घाटी से पीछे हटने को मजबूर हुई। इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम से माफी मांगने को कहा है। पवन खेड़ा ने कहा – पीएम मोदी अपने पुराने बयान पर माफी मांगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन हमारी सीमा के भीतर नहीं घुसा।
पवन खेड़ा ने दावा किया- अब अगर चीन के सैनिक पीछे हट रहे हैं तो ये तो साबित हुआ कि वे हमारी सीमा में आये हुये थे। प्रधानमंत्री के बयान को चीन ने अपने लिये एक क्लीनचिट की तरह इस्तेमाल किया। इससे हमारी जो कूटनीतिक मेहनत थी पूरे विश्व में, उसको चोट पहुंची है, उसको आघात पहुंचा है।
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(1/2) pic.twitter.com/MxUQ0M6EH7— INC Sandesh (@INCSandesh) July 6, 2020
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा – प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिये कि चीन कितने किलोमीटर और कहां पीछे हटा है तथा अभी किन इलाकों में घुसपैठ किये हुये है? पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के पीछे हटने की शुरुआत से एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के तेजी से पीछे हटने पर सहमत हुये।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा – डोभाल और वांग के बीच रविवार को हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए सैनिकों का जल्द से जल्द पीछे हटना आवश्यक है तथा दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद में तब्दील नहीं होने देना चाहिये। डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने इस घटनाक्रम पर कहा – गलवान घाटी से चीनी सैनिकों का पीछे हटना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन भारत सरकार को चीन को पेगोंग सो इलाके से पीछे हटाने पर जोर देना चाहिये तथा सीमा पर कड़ी चौकसी बरतनी चाहिये।
उन्होंने कहा – चीन को यह समझना चाहिये कि सीमा पर शांति और पूर्व की यथास्थिति की बहाली फिर से विश्वास पैदा करने के लिये जरूरी है। पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा- अब प्रधानमंत्री जी से ये पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने सर्वदलीय बैठक के समय वक्तव्य दिया था, क्या उस वक्तव्य को वापस लेंगे? क्या वह देश से माफी मांगेगे कि हां मुझसे गलती हुई, मैंने ये गलतबयानी कर दी?
खेड़ा ने कहा- प्रधानमंत्री के स्तर पर बैठा हुआ व्यक्ति जब गलत बयानी करता है तो बहुत गंभीर विषय हो जाता है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी को स्वयं बाहर आकर बोलना चाहिए कि चीन की सेना कितना किलोमीटर तक पीछे गई है, कहां तक आई थी और कितना पीछे हटी है, अभी भी कितने इलाके पर काबिज है?
गौरतलब है कि मोदी ने भारत-चीन तनाव पर पिछले महीने बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि कुछ हलकों में प्रधानमंत्री के बयान की ‘शरारतपूर्ण व्याख्या का प्रयास किया जा रहा है।