New Delhi : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की 1000 बसों से प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सियासत बैक फायर हो गई है। भाजपा और कांग्रेस में जो तनातनी है, वो तो है ही। कांग्रेस के अपने भी इस घड़ी में उनके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह ने ट्वीट करके कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रियंका गांधी का नाम लिए बिना आक्रामक लहजे में पार्टी की आलोचना की।
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
अदिति ने ट्वीट कर कहा – आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फजीर्वाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एम्बुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई।
ऐसा पहली बार नहीं है जब अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से अलग राह पकड़ी हो। उनके पिछले बयान ये इशारा करते हैं कि वह कांग्रेस के भीतर बीजेपी की ‘दोस्त’ हैं। कई बार खुलकर बीजेपी सरकार की तारीफ कर चुकी हैं और पार्टी को शर्मिंदा किया है।
सीएम योगी की तारीफ से अदिति नहीं चूकीं।
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
एक और ट्वीट में अदिति ने लिखा – कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
पिछले साल अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर दो अक्टूबर को हुए 36 घंटे के विशेष विधानसभा सत्र में हिस्सा लिया था। उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बयान भी दिए थे। जिस दिन राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था, उस दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में शांति यात्रा का नेतृत्व किया था। उससे अदिति नदारद रहीं। तब कांग्रेस की ओर से उन्हें पहला नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके बाद कांग्रेस ने सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी थी।
Congress MLA Aditi Singh: My intention is to work for development of my constituency. He (Ajay Kumar Lallu) is president of Uttar Pradesh Congress and I respect him. It is his right to take steps that he thinks are appropriate. https://t.co/x91FAH8DLW pic.twitter.com/XxJPi2moDw
— ANI UP (@ANINewsUP) October 18, 2019
विशेष विधानसभा सत्र में भाग लेने के तुरंत बाद, यूपी सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी। इसके बाद अदिति सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की, जिससे कांग्रेस के भीतर हडकंप मच गया था। ऐसी चर्चा जोरों पर थीं कि वे बीजेपी जॉइन कर सकती हैं मगर ऐसा हुआ नहीं।
When UP Govt looked into the list of buses provided by Congress, it turned out that many vehicles are autorickshaw, two-wheelers & three-wheelers. Congress is wasting the time of govt officials by providing bogus list & creating political pressure: Rebel Congress MLA Aditi Singh pic.twitter.com/04Uy6x0urS
— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2020
अदिति सिंह पिछले साल 22 से 24 अक्टूबर के बीच रायबरेली में आयोजित पार्टी के प्रशिक्षण सत्र से गायब थीं। विधानमण्डल में कांग्रेस के तत्कालीन नेता अजय कुमार लल्लू ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।