New Delhi : न प्रियंका गांधी के बस मजदूरों को मिले और न ही बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने दिया गया। अब ऐसा लग रहा है कि एक हजार बसों का इंतजाम करने का प्रियंका गांधी का दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। प्रियंका ने पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर श्रमिकों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार अनुमति दे तो वे 1000 बसों से श्रमिकों को यूपी लाने को तैयार है। योगी आदित्यनाथ ने अनुमति देते हुए 1000 बसों के नंबर और ड्रायवरों के नंबर मांगे तो पोल खुल गई। तीन दिन की रस्साकशी के बाद यूपी सरकार को 1000 बसों की जो सूची भेजी गई, वह विवादों में घिर गई है। सरकार का दावा है कि सूची में बसों के साथ ही ऑटो, कार, एंबुलेंस और डीसीएम आदि के नंबर मिले हैं। तमाम वाहन अनफिट हैं।
FIR is being registered in Fatehpur Sikri police station. Two persons Ajay Kumar Lallu (Uttar Pradesh Congress Committee president)&Vivek Bansal have been detained &we are interrogating them: Agra SSP Babloo Kumar on protest held by Congress leaders on movemnet of buses (19.05) pic.twitter.com/LdyMrWWHEJ
— ANI UP (@ANINewsUP) May 19, 2020
इसके बाद लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। यूपी सरकार की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कुल 1049 वाहनों की सूची में 879 बसें, 31 ऑटो और थ्रीव्हीलर और 69 अन्य वाहन हैं, जिनमें एंबुलेंस, स्कूल बस, डीसीएम, टाटा मैजिक शामिल हैं। 70 गाड़ियों का डाटा उपलब्ध नहीं है। परिवहन विभाग की अन्य जांच में 492 वाहनों के फिटनेस की बात है। इसमें 59 वाहनों की फिटनेस सर्टिकफिकेट मान्य नहीं है। 29 वाहनों का बीमा नहीं है। 3 वाहन गुड्स कैरियर, मोटर कैब और ऑटो रिक्शा में पंजीकृत पाए गए।
We have done preliminary inquiry & it has come to surface that out of the buses for which they sent details, many are turning out to be 2-wheelers, autos & goods carriers. It's unfortunate, Sonia Gandhi should answer why they are committing this fraud: Sidharth Nath Singh, UP Min pic.twitter.com/IUWD0LKwuF
— ANI UP (@ANINewsUP) May 19, 2020
बता दें, औरैया में सड़क हादसे के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर श्रमिक-कामगारों के लिए 1000 बसें पार्टी की ओर चलाए जाने की अनुमति मांगी थी। सरकार ने अनुमति दे दी। इसके बाद चिट्ठियों का आदान-प्रदान चलता रहा और आखिरकार प्रियंका की भेजी गई एक हजार बसों की सूची पर मंगलवार सुबह से विवाद खड़ा हो गया।
Government is trying to confuse people, they are intentionally making up fake numbers to do politics. We have provided the numbers of buses, we can make it public, you can verify it: Ajay Kumar Lallu, Uttar Pradesh Congress Chief https://t.co/tx3pbwzHou pic.twitter.com/JQn7s8vo5G
— ANI UP (@ANINewsUP) May 19, 2020
यूपी सरकार के इस खुलासे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यूपी सरकार गरीब मजदूर विरोधी है। तिवारी ने कहा कि मंगलवार दोपहर 12 बजे तक बसों को नोएडा, गाजियाबाद में सौंपने की बात सरकार ने कही थी। अब जब बसें बॉर्डर पर पहुंच रही हैं तो स्थानीय प्रशासन कह रहा है कि उन्हें ऊपर से कोई सूचना नहीं है। यह सरकार की तानाशाही है।