New Delhi : योगी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुये ‘इन्वेस्ट यूपी’ संस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसका काम राज्य में पूंजी निवेश को लाना, निवेशकों को प्रोत्साहित करना व निवेश की मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करना होगा। इस संस्था में बनने वाले बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद होंगे। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना व निर्यात प्रोत्साहन व निवेश मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह इसके उपाध्यक्ष होंगे। खास बात यह कि अब तक निवेश का काम देख रही बरसों पुरानी संस्था उद्योग बंधु का इसमें विलय हो जायेगा।
यूपी में @myogiadityanath कैबिनेट द्वारा उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रस्ताव मंजूरी मिली।
गो हत्या पर होगी 10 साल की सजा व 5 लाख तक का जुर्माना, अंगभंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख तक जुर्माना।
यूपी में संज्ञेय और गैरजमानती होगा गोकशी का अपराध।
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) June 9, 2020
मंगलवार 9 जून को कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत इन्वेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन व सुविधा एजेंसी का गठन किया गया है। कैबिनेट ने मंगलवार को औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में संचालन समिति कार्य करेगी।
एजेन्सी के तहत जहां एक ओर निवेश, मित्र, ईज़ आफ डूइंग बिजनेस, इन्सेन्टिव मैनेजमेंट का काम होगा। वहीं दूसरी ओर निवेश प्रोत्साहन, ब्राण्डिंग और पब्लिक रिलेशंस व इकोनामिक और मार्केट इन्टेलीजेन्स एंड रिसर्च के कार्य-कलाप निजी क्षेत्र से लिए गए संबंधित औद्योगिक सेक्टर के विशेषज्ञों की टीम द्वारा एक चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर के नेतृत्व में किए जाएंगे।
इस संस्था का मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रदेश सरकार का एक ऐसा पूर्णकालिक वरिष्ठ अधिकारी होगा, जिसके अधीन चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर को कार्य करने में आवश्यक ऑटोनॉमी बनी रहे, परन्तु साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों से निवेश प्रोत्साहन हेतु आवश्यक समन्वय भी स्थापित हो। निवेश लाने के लिए अब जवाबदेही तय होगी। ‘इन्वेस्ट यूपी’ द्वारा विभिन्न सेक्टरों के महत्वपूर्ण विभागों को प्रोफेशनल सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। मण्डलायुक्त निवेश प्रोत्साहन तथा फैसिलिटेशन के क्षेत्र में प्रोफेशनल सहायता प्रदान करेंगे।