उत्तर प्रदेश में आने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा इंसेंटिव और कैपिटल सब्सिडी देने पर भी विचार किया जा रहा है।

CM योगी ने कहा – मेडिकल स्टूडेंट‍्स को भी कोरोना इलाज में लगायेंगे, हेल्थ वर्कर की कमी नहीं होगी

New Delhi : Corona आपदा की जद में देश में 11 हजार से अधिक लोग आ गये हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। कोरोना के इलाज में डॉक्टरों और नर्सों की कमी न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हेल्थ वर्कर की कमी दूर करने के लिये फाइनल वर्ष की स्टूडेंट‍्स को लगाया जाये।

 

हाल ही में योगी आदित्यनाथ ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर पर इसकी जानकारी दी गई। ट्वीट में लिखा गया है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए कि एम.बी.बी.एस. तथा नर्सिंग कोर्स के फाइलन ईयर के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा संबंधी कार्य सौंपे जाएं, जिससे कोविड अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न हो। ये एक बड़ा फैसला है। फाइनल ईयर के छात्र वैसे भी जल्द ही अपने-अपने प्रोफेशन में जुटने वाले थे। लेकिन योगी सरकार ने पहले ही उन्हें चिकित्सीय काम में लगाने का फैसला लिया है। साथ ही इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे कोरोना को रोकने में मदद मिलेगी और डॉक्टर्स व नर्सों की कोई कमी नहीं होगी। एक अन्य ट्वीट में बताया गया – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए। साथ ही, निजी मेडिकल कॉलेज तथा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाए।

इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में बताया गया – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सालयों को ‘कोविड केयर अस्पताल’ तथा ‘नॉन कोविड केयर अस्पताल’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए। नॉन कोविड केयर अस्पतालों में शेष रोगों से संबंधित इमरजेंसी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *