CM योगी बोले- जर्मनी की लेदर कंपनी चीन छोड़ आगरा में लगायेगी फैक्ट्री, सभी श्रमिकों को काम देंगे

New Delhi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा – हमारी कोशिश है यूपी में बाहर की कंपनियां निवेश करें। सीएम योगी ने सजगता से सफलता विषय पर आयोजित कार्यक्रम में वेबनियर के जरिये बताया कि जर्मनी की लेदर कंपनी ने चीन से आकर आगरा में निवेश की इच्छा दिखाई है। कंपनी 30 लाख जूते हर साल बनायेगी। चीन से सस्ता श्रम हमारे यहां हैं। यूपी में निवेश की व्यापक संभावनायें दिख रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसी राज्य को यूपी मैनपावर चाहिये, तो उसे हमारी अनुमति लेनी होगी। कोई राज्य सरकार हमारे लोगों को बिना अनुमति के नहीं ले जा सकती है। जिस तरह हमारे कामगारों की दुर्गति हुई है, जिस तरह का इनके साथ व्यवहार हुआ है, उसके मद्देनजर हम उनका रजिस्ट्रेशन कर उन्हें बीमा कवर देंगे। उनकी सामाजिक सुरक्षा देंगे और रोजगार परक प्रशिक्षण देंगे ताकि उसे वहां जाकर इधर-उधर भटकना न पड़े।
सीएम ने कहा – हमारे श्रमिकों कामगार में संक्रमण से जूझने की क्षमता है। वह मेहनत कर पसीना बहाता है। इसलिए सक्रंमित होने पर छह सात दिन में कोरोना निगेटिव में आता है, सामान्य लोग 14 से 20 दिन में ठीक होते हैं। जो लोग श्रमिकों के हित में तमाम नारेबाजी करते हैं, उन्होंने इनकी चिंता की होती तो पलायन को रोका जा सकता था। जो लोग इसके लिये जिम्मेदार हैं वह भोगेंगे। अब तक 24 लाख श्रमिक यूपी आ चुके हैं। सबका सम्मान के साथ ख्याल रखा जा रहा है। राज्य कर्मचारियों के भत्तों के खत्म किए जाने व इससे चुनाव में नुकसान के बाबत सवाल पर सीएम ने कहा कि हार जीत की नजर से वह निर्णय नहीं लेते लोकमंगल की भावना से वह काम करते हैं।
राज्य सरकार ने प्रवासियों के हुनर का फायदा लेकर यूपी के अर्थतंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू करा दिया है। उनकी विशेषज्ञता के आधार पर उत्पादों को बढ़ावा देने का काम किया जायेगा। इसीलिये गैर राज्यों से लौटे श्रमिकों और मजदूरों का पूरा ब्योरा तैयार कराया जा रहा है। एक रजिस्टर बनाकर इसमें दर्ज किया जा रहा है कि कौन प्रवासी क्या काम कर सकता है और उसकी विशेषज्ञता क्या है? इसके आधार पर उसे यूपी में ही रोजगार देने का काम शुरू होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह काम राजस्व विभाग करा रहा है। राहत आयुक्त की देखरेख में अब तक ऐसे करीब 1 लाख 91 हजार प्रवासियों का ब्योरा तैयार किया जा चुका है। सरकार का मानना है कि लॉकडाउन में लौटने वाले प्रवासियों में बहुत ऐसे हैं जो काफी हुनरमंद हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से लौटे अधिकतर प्रवासी किसी न किसी फैक्ट्री में काम करते रहे हैं। ऐसे श्रमिकों का इस्तेमाल ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना में बनने वाले सामानों के उत्पादन में भी किया जा सकता है।

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