CM योगी को आया गुस्सा : पुलिस को धमकानेवाले MLA अमनमणि त्रिपाठी बिजनौर से गिरफ्तार

New Delhi : उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बिजनौर के नजीबाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया है। कल 3 मई को उन्होंने उत्तराखंड पुलिस को अरदब में लेने की कोशिश की और हड़काया। लेकिन पुलिसवाले भी डरे नहीं। उन्होंने भी विधायक को थाने पहुंचाकर ही माना। मुकदमा दर्ज करने के बाद जमानत पर छोड़ा। विधानसभा क्षेत्र महाराजगंज के विधायक अमनमणि बिना पास के ही बद्रीनाथ जा रहे थे तो पुलिस ने रोक लिया। उन्होंने पुलिस को औकात में रहो, वर्दी उतरवा दूंगा टाइप ओल्ड फैशन्ड धमकी दी लेकिन पुलिस ने उन्हें बद्रीनाथ नहीं ही जाने दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद लेते विधायक अमनमणि

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के अंतिम क्रियाकर्म का हवाला देकर विधायक ने बगैर पास बदरीनाथ जाते हुए कई जिलों की पुलिस को अपने अरदब में लिया। लेकिन गोचर में उनकी नहीं चली तो वे बैरियर पर रोकने वाले पुलिस, प्रशासन के अफसरों से भिड़ गए। अभद्रता करते हुए जबरन आगे बढ़े तो पुलिस ने कर्णप्रयाग में उन्हें रोक बैरंग लौटा दिया। मुनिकीरेती में उन्हें पकड़ लिया गया। राष्ट्रीय आपदा एक्ट और धारा 188 के तहत मुनिकीरेती थाने में विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बाद में निजी मुचलके पर छोड़ा गया।
इधर यूपी सरकार के प्रवक्ता ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी के उत्तराखंड राज्य जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकृत किये जाने के सम्बन्ध में आये समाचार पर कहा कि विधायक ने भ्रामक रूप से तथ्यों को मुख्यमंत्री के साथ जोड़कर आपत्तिजनक कृत्य किया है। प्रवक्ता ने कहा कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड राज्य जाने के लिए न तो मुख्यमंत्री ने और न ही राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया गया। त्रिपाठी अपने कृत्य के लिए स्वयं उत्तरदायी है।
बता दें कि रविवार 3 मई शाम विधायक अमन मणि त्रिपाठी तीन वाहनों में सवार अपने 10 साथियों के साथ बदरीनाथ जा रहे थे। इस बीच गोचर में उन्हें बैरियर पर रोक लिया गया। कर्णप्रयाग के थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि जब उनसे परमिशन के बारे में पूछा गया तो वह अधिकारियों से उलझ गए, अभद्रता करने लगे। जबरन कर्णप्रयाग की ओर जाने लगे तो अधिकारियों की सूचना पर कर्णप्रयाग में पुलिस ने इनके तीनों वाहनों को रोक लिया। यहां भी वे पुलिस से उलझते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुन उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच एसडीएम वैभव गुप्ता और थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों पर पुलिस, प्रशासन के साथ ही डॉक्टर के साथ भी अभद्रता का आरोप लगाया। मामले में एसएचओ ने कहा कि अभी कोई कार्रवाई इस संबंध में नहीं की गई है।

उन्हें पत्नी की जान लेने के आरोप में चार साल पहले 2016 में गिरफ्तार भी किया गया था।

जांच करने के बाद विधायक और उनके साथियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उधर, डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि बदरीनाथ के कपाट बंद होने की वजह से विधायक और उनके साथियों को बदरीनाथ नहीं जाने दिया गया। डीजीपी अशोक कुमार (क्राइम) के अनुसार विधायक अमन मणि को मुनिकीरेती क्षेत्र में पकड़ा गया। विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ धारा 188 और राष्ट्रीय आपदा एक्ट में मामला दर्ज किया गया। बाद में निजी जमानत पर उन्हें व उनके साथियों को छोड़ा गया।

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