New Delhi: Corona आपदा को देखते हुए राज्य सरकारें लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला ले रही हैं। ओडिशा के बाद अब पंजाब ने भी लॉकडाउन/कर्फ्यू बढ़ाने का फैसला किया है। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने एक चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस से स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। उन्होंने कहा – हमारे कुछ सीनियर और टॉप मेडिकल ऑफिसर्स ने इस बात की चिंता जलाई है कि ये महामारी सितंबर के मध्य तक अपने चरम पर होगी। इस वायरस की वजह से देश की 58 प्रतिशत आबादी संक्रमित होगी, जबकि पंजाब के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे।
उन्होंने बताया – अब तक पंजाब में 132 मामलों की पुष्टि हुई है। अब तक हमारे द्वारा एकत्र किए गए नमूनों की कुल संख्या 2877 है और एक राज्य जिसके पास 28 मिलियन लोग हैं उसके लिए यह काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक हमारे पास 651 लोग हैं जो दिल्ली के निजामुद्दीन से पंजाब आए। हमने उनमें से 636 का पता लगा लिया है, 15 का पता लगाना अभी भी बाकी है. हम उनकी तलाश कर रहे हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पंजाब ने ही सबसे पहले कर्फ्यू लगाया था।
पंजाब में मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसको लेकर एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्रेटर मनोज परिदा ने निर्देश जारी किए हैं। जिनमें पुलिस को निर्देश दिए गए हैं वे सख्ती से इसको इंप्लीमेंट करें और जो इन निर्देशों का उल्लघंन करता है तो उसको फौरन गिरफ्तार किया जाए। हांलाकि मास्क को अनिवार्य किए जाने को लेकर दो दिन पहले ही निर्देश हो गए थे लेकिन अब इसमें सजा का प्रावधान भी जोड़ दिया गया है। इन निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क बहुत जरूरी है और कुछ स्टडी जो इस पर हुई है उसमें भी यही बात सामने आई है कि मास्क या कपड़े को ढक कर ही लोग बाहर निकलते हैं तो संक्रमण होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इसके चलते अब किसी भी जरूरी सर्विस से आप जुड़े हुए हैं, राशन लेने के लिए जा रहे हैं, दवा लाने के लिए जा रहे हैं या सब्जी खरीदने के लिए घर से बाहर आ रहे हैं तो भी आपको मास्क पहनना जरूरी है। डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट 2005 की सेक्शन 22 के तहत ये निर्देश जारी किए गए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को राहत पैकेज बढ़ाना चाहिये