विदेश में गाड़ियां साफ की, टैक्सी चलाई फिर अपने दम पर न्यूजीलैंड में पुलिस ऑफिसर बनी मनदीप

New Delhi : एक महिला, तलाक के बाद न्यूजीलैंड में टैक्सी चलाती है और फिर वहां की पुलिस अधिकारी बन जाती है। आज हम आपको मनदीप कौर की कहानी बता रहे हैं। 1986 में शादी हुई और छह साल बाद तलाक। बच्चे छूट गए। फिर चंडीगढ़ से ऑस्ट्रेलिया गईं। वहां हर तरह का काम कर बच्चों की कस्टडी की लड़ाई लड़ी। फिर न्यूजीलैंड पहुंची। 2004 में पुलिस के लिए चुनी गईं। हाल ही में न्यूजीलैंड पुलिस ने एथनि कलाइजन अफसर मनदीप को दक्षिण एशियाई परिवारों के झगड़े सुलझाने का काम सौंपा है।

इसके लिए मनदीप ने अनोखा तरीका अपनाया है। वह हैं भंगड़े के जरिए दूरियां मिटाने का। मनदीप कौर ने बताया कि उनका जन्म 1969 में बठिंडा में हुआ। छह महीने की थी तो परिवार चंडीगढ़ आ बसा। 17 साल की हुई तो शादी हो गई। रिश्ता सही नहीं चला तो कुछ सालों बाद दो बच्चों के साथ अलग होने का फैसला किया। 1992 में अलग हुई। उसके बाद चार साल तो यह समझने में लग गए कि अब करना क्या है? 1996 में अॉस्ट्रेलिया जाने का फैसला किया। वहां गाड़ियां साफ कीं, टैक्सी चलाई, होटलों में भी काम किया। पैसे कमाने थे, ताकि घर संभाल सकूं अौर केस भी जीत सकूं।
आखिरकार मैं जीत गई। फिर न्यूजीलैंड चली गई। क्योंकि वहां परिवार साथ रखना असान है। यहां भी पहले टैक्सी ही चलाई। टैक्सी ड्राइवर थीं तो सफर के दौरान मिली काउंसलर ने उनकी जिंदगी बदल दी उनके कहे ने जिंदगी बदल दी। उन्होंने बचपन का एक सपना पूरा करने की बात कही। कद लंबा था और बचपन से मैं पुलिस या फौज में जाना चाहती थी। इसलिए मैंने पुलिस भर्ती के लिए अप्लाई किया और पास भी हो गई। 2004 में न्यूजीलैंड पुलिस ज्वॉइन की।
तरक्की मिलती गई और अब मैं एथनिक लाइजन ऑफिसर बन गई हूं। ये काम थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि यहां आप किसी पर दबाव नहीं बना सकते। ऊंची आवाज में बात भी नहीं कर सकते।इसीलिए मैंने पुलिस डिपार्टमेंट में ही एक भंगड़ा ग्रुप बना लिया। अब जब हमें पता चलता है कि किसी परिवार में कोई विवाद है तो हम उन्हें सुलझाते हैं। डांस प्रैक्टिस कराते हैं। एेसे में पति-पत्नी को हंसने-खेलने का वक्त मिल जाता है।

इसी के साथ कई परिवार आते हैं। धीरे-धीरे उनके मनमुटाव दूर होने लगते हैं। हम गेम्स भी खेलते हैं। उनके हर सुख-दुख में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट ने उन्हें भांगड़ा टीम बनाने की इजाजत दी ताकि लोग पुलिस से डरें नहीं उनके पास आए।

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