New Delhi : कोरोना आपदा के बीच चीन का एक रॉकेट अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में तबाही मचा सकता था। चीन का एक रॉकेट अंतरिक्ष में बेकाबू हो गया और अटलांटिक सागर में जा गिरा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर गिरने से 15 मिनट पहले ही यह धऱती के वातावरण में प्रवेश हो जाता तो यह सीधे अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पर गिरता, जहां तबाही का मंजर होता। चीन ने 5 मई को ही इस रॉकेट को प्रयोग के तौर पर अंतरिक्ष में भेजा था।
The reported debris fall at Mahounou is near the town of Bocanda, which as you can see on this image is right on the projected ground track of the CZ-5B. pic.twitter.com/a0HVRlRKCn
— Jonathan McDowell (@planet4589) May 12, 2020
लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट नामक इस रॉकेट का वजन 20 टन था। यह 100 फुट लंबा और 16 फुट चौड़ा था। इसे दक्षिण चीन के वेनचांग लॉन्च सेंटर से प्रक्षेपित किया गया था। इसमें चीन का अगली पीढ़ी का एक प्रोटोटाइप क्रू कैप्सूल था, जिसे बिना किसी यात्री के टेस्ट फ्लाइट के तौर पर कक्षा में भेजा गया था। रॉकेट करीब 8,000 फुट की ऊंचाई तक पहुंच गया था लेकिन उसमें तकनीकी खराबी आ गई।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट 15 मिनट पहले धरती के वातावरण में प्रवेश करता तो इसका मलबा सीधे बिग ऐपल पर गिरता। रॉकेट का अधिकांश मलवा जल चुका था मगर इसका एक बड़ा हिस्सा पश्चिम अफ्रीका से दूर अटलांटिक महासागर में गिरा। हालांकि, वहां कोई घायल नहीं हुआ है।
Reports of a 12-m-long object crashing into the village of Mahounou in Cote d'Ivoire. It's directly on the CZ-5B reentry track, 2100 km downrange from the Space-Track reentry location. Possible that part of the stage could have sliced through the atmo that far (photo: Aminata24) pic.twitter.com/yMuyMFLfsv
— Jonathan McDowell (@planet4589) May 12, 2020
गिरने की जगह तय नहीं कर पाए: जब यह मलबा समुद्र में गिरा, उसके चंद सेकंड पहले ही वैज्ञानिकों को इसके गिरने के स्थान का पता चल पाया। रॉकेट लॉस एंजिल्स और न्यूयॉर्क शहर के ऊपर से उड़कर गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह रॉकेट न्यूयॉर्क शहर पर गिरता तो बहुत बड़ी ताबाही होती और मौत का मंजर दिखता।