New Delhi : चीन की एक दवा कंपनी ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के टीके का बंदरों पर परीक्षण सफल रहा है। चीनी कंपनी सिनोवैक बायोटेक ने इस टीके का परीक्षण आठ रीसस मकाऊ बंदरों पर किया। उसने कहा कि परीक्षण के दौरान टीके ने बंदरों को संक्रमण से संरक्षित किया। कंपनी ने कहा है कि तीन सप्ताह बाद ये बंदर वायरस के संपर्क में आये, लेकिन संक्रमित नहीं हुये। फिर वायरस से संक्रमित करने के बाद चार बंदरों को टीके की ज्यादा खुराक दी गई थी और सात दिन के बाद उनके फेफड़ों में वायरस का संक्रमण बहुत ही कम देखा गया।
कंपनी ने कहा – यह टीका कोरोना वायरस को आंशिक से पूरी तरह तक खत्म कर देता है। टीके की दो अलग-अलग खुराक बंदरों को दी गईं।
16 अप्रैल से इस टीके का मानव परीक्षण शुरू किया गया है। अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और चीन में होने वाले वैक्सीन टेस्ट्स पर ध्यान देने के बाद व्हाइट हाउस में डेली ब्रीफिंग के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था – हम वैक्सीन के बेहद करीब हैं। हमारे पास इस पर काम करने वाले बेहद कमाल के, शानदार दिमाग वाले लोग हैं। दुर्भाग्य से हम टेस्टिंग के बहुत करीब नहीं हैं क्योंकि जब परीक्षण शुरू होता है तो इसमें कुछ समय लगता है, लेकिन हम इसे पूरा कर लेंगे। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वाइस-प्रेसिडेंट माइक पेंस और व्हाइट हाउस कोरोना वायरस टास्कफोर्स के को-ऑर्डिनेटर डेबोराह बीरक्स भी उनके साथ मौजूद थे। अमेरिकी सरकार के शीर्ष टॉप इन्फेक्शन डिजीज एक्सपर्ट डॉ. एंथोनी फौसी ने पहले कहा था कि व्यापक रूप से इस्तेमाल के लिए एक वैक्सीन को तैयार होने में 12 से 18 महीने लगेंगे।