New Delhi : छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक से पहले चीनी सेना ने गलवन घाटी में अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। भारतीय सेना भी सकारात्मक जवाब दिया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गलवन इलाके में गतिरोध समाप्त करने की दिशा में प्रयासों के बीच चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा से दो किलोमीटर पीछे हट गई है। वहीं भारतीय सेना ने भी उचित कार्रवाई करते हुए एक किलोमीटर पीछे आ गई है। चीनी सेना ने गलवन क्षेत्र से अपने टेंट उखाड़कर भी पीछे किए हैं। पिछले महीने चीनी सेना ने एलएसी के पास टेंट लगा दिए थे।जिसके बाद भारतीय सैनिक भी उस इलाके में जम गए थे। चीनी सेना मई माह के पहले सप्ताह में दौलत-बेग ओल्डी, गलवन घाटी और पैंगोंग लेक क्षेत्र में काफी आगे आ गई थी। इसके बाद दोनों देशों में तनाव एकाएक बढ़ गया था। दोनों तरफ की तैयारियों को देखते हुए स्थिति बिगड़ने की आशंका जताई जा रही थी।
India, China militaries make slight retreat at Galwan Valley in bid to resolve standoff in Ladakh: Reportshttps://t.co/DA6xvk3mcy pic.twitter.com/uQ6Z2qAQJf
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) June 4, 2020
एलएसी पर कई क्षेत्रों में जमे चीनी सेना के बीच पिछले चार-पांच दिनों से कोई बड़ी हलचल भी नहीं देखने को नहीं मिली थी। हालांकि, इससे पहले पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर भी उड़ान भर रहे थे। भारत ने भी अपने लड़ाकू विमानों को उस इलाके में निगरानी में लगा दिया है। चीन इसका भी विरोध किया था।
इससे पहले दोनों सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की कई बैठकें बेनजीता साबित हो चुकी हैं। अब छह जून को होने वाली लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक से उम्मीदें लगी हैं। अब लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली उत्तरी कमान की चौदह कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह चीनी सेना के अपने समकक्ष अधिकारी से बैठक कर विवाद को कम करने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के मुताबिक भारत की तरफ से विवाद सुलझाने का विशेष प्रस्ताव रखा जाएगा। माना जा रहा है कि भारत पूर्व की स्थिति की बहाली पर जोर देगा।
भारत द्वारा पूर्वी लद्दाख के पांगगोंग त्सो (झील) इलाके में एक खास सड़क और गलवान घाटी में डारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को जोड़ने वाली एक सड़क को बनाने के प्रति चीन के विरोध से पैदा हुआ था। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में गत पांच मई को दोनों देशों के सैनिक लोहे की छड़ों और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद, सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
India and China are likely to hold top military-level talks on the ongoing dispute in eastern Ladakh along the Line of Actual Control (LAC) on June 6.#AsiaNewsNetwork https://t.co/DlTt96Itb6
— Inquirer (@inquirerdotnet) June 4, 2020
दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।