New Delhi : गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद चीन ने एक बार फिर सरकारी अखबार के जरिये भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की। चीनी सरकार के मुखपत्र यानी माउथपीस ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अगर एलएसी पर तनाव बढ़ा तो भारत को चीन के अलावा पाकिस्तान और यहां तक कि नेपाल की सेना का भी दबाव झेलना पड़ेगा। इसे आसान शब्दों में समझें तो मतलब यह हुआ कि भारत-चीन सीमा पर हालात बिगड़ने की स्थिति में पाकिस्तान और नेपाल चीन का साथ दे सकते हैं।
India has engaged in border disputes with China, Pakistan and Nepal at the same time. If India escalates tensions, it could face military pressure from two or even three fronts, so the situation is unlikely to escalate: experts https://t.co/mvpINWyp0j pic.twitter.com/Rio1KvFGfM
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
ग्लोबल टाइम्स चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र है। यानी उसके आर्टिकल चीन सरकार का ही नजरिया होते हैं। अखबार कई दिनों से भारत को धमकाने वाले आर्टिकल पब्लिश कर रहा है। उसने शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्च फैलो हू झियोंग का आर्टिकल पब्लिश किया है। इसमें झियोंग ने कहा- फिलहाल, भारत का चीन के अलावा पाकिस्तान और नेपाल से भी सीमा विवाद चल रहा है। पाकिस्तान और चीन के करीबी रिश्ते हैं। नेपाल भी हमारा सहयोगी है। दोनों देश चीन के वन बेल्ट रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।
झियोंग आगे कहते हैं – अगर भारत सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो उसे तीन मोर्चों पर सैन्य दबाव का सामना करना पड़ेगा। उसकी सेनाओं के पास इतनी ताकत नहीं कि वो इस दबाव को झेल पायें। भारत की करारी शिकस्त हो सकती है। झियोंग के मुताबिक, चीन एलएसी नहीं बदलना चाहता। उनका यह भी आरोप है कि गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदार भारतीय सेना है। क्योंकि, भारतीय सेना ने ही चीनी सैनिकों को उकसाया।
Opinion: US wants create an illusion that #India has the back of the US and other Western countries. Some Indian hawkish forces have become increasingly irrational in provoking conflict with China, partly resulting from US instigation and encouragement. https://t.co/WyXh1cMylC
— GT Opinion (@GtOpinion) June 18, 2020
आर्टिकल में आगे कहा गया- भारत को यह तय करना चाहिये कि भविष्य में गलवान घाटी जैसी घटनायें फिर न हों। चीन को कमजोर समझना भारत के लिए भारी पड़ सकता है। भारत सरकार को गलवान वैली मामले की जांच कराना चाहिये। जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा देनी चाहिये। अखबार ने चीन के एक मिलिट्री एक्सपर्ट का बयान भी प्रकाशित किया है। हालांकि, उनका नाम नहीं बताया गया।