New Delhi : कोरोना संकट के बीच चीन भारत को चौतरफा घेरने में जुट गया है। एक तरफ लद्दाख में एलएसी पर उसके सैनिक भारत की ओर से सीमा पर किये जा रहे निर्माण कार्यों में अंड़गा डाल रहे हैं तो दूसरी तरफ नेपाल के सहारे सीमा विवाद को बढ़ाने की कोशिश की। अब ड्रैगन पीओके में अपनी घुसपैठ मजबूत करने जा रहा है। भारत के विरोध के बावजूद वह पाक अधिकृत कश्मीर में बड़ा पावर प्रॉजेक्ट लगाने जा रहा है।
China to construct power project in Pok under CPEC despite India's objectionhttps://t.co/K6Dl8MvpNx pic.twitter.com/O710vaPpPW
— Livemint (@livemint) June 2, 2020
मंगलवार को पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी कि चीन सीपीईसी (चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) के तहत पीओके में 1,124 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का ब्योरा सोमवार को प्राइवेट पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड (पीपीआईबी) की 127वीं बैठक में रखा गया, जिसकी अगुआई ऊर्जा मंत्रा उमर अयूब ने की।
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में बताया गया कि चीन के थ्री गोर्जेस कॉर्पोरेशन, पीओके अथॉरिटीज और पीपीआईबी के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता फाइनल हो गया है। इसके जरिए सीपीईसी फ्रेमवर्क के तहत 1,124 मेगावार्ट का कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा।
इस पावर प्रोजेक्ट को झेलम नदी पर बनाया जाएगा और इससे पाकिस्तान के उपभोक्ताओं को कम कीमत पर सालाना 5 अरब यूनिट बिजली मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें 2.4 अरब डॉलर का भारी-भरकम निवेश होगा। 3 हजार किलोमीटर के सीपीईसी का लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को रेल, रोड, पाइपलाइन और ऑप्टिकल केबल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है। यह चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ता है। इसे चीन को अरब सागर तक पहुंच मिलती है।
सीपीईसी पीओके से गुजरता है, जिसको लेकर भारत चीन के सामने आपत्ति दर्ज करता रहा है। पिछले महीने भी भारत ने विरोध दर्ज कराया था जब पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान में एक डैम बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया है।