छिना चीन का चैन- 27 जुलाई तक भारत में लैंड करेंगे 6 राफेल लड़ाकू विमान, अगली खेप भी जल्द

New Delhi : पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा को लेकर लंबे समय से जारी तनाव के बीच फ्रांस जल्द भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के स्पेशल रिक्वेस्ट के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। इस मामले से जानकार लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अंबाला एयरबेस पर 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आयेगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। वैसे भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन एक जानकार अफसर ने बताया- समय से काफी पहले भारत को राफेल मिल रहे हैं।

भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील तकरीबन 59 हजार करोड़ रुपये की थी। इन विमानों के जरिये भारत की वायुसेना को और ताकत मिलेगी। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में एक अफसर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया- हम जानते हैं कि लगभग 10 राफेल लड़ाकू विमान डसॉल्ट एविएशन द्वारा तैयार हैं। संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के पास अलढफरा हवाई अड्डे पर एक स्टॉपओवर के साथ जुलाई-अंत में भारत में छह राफेल लड़ाकू विमानों के लाने की तैयारी चल रही है। इन विमानों को भारतीय पायलट उड़ाकर लायेंगे।
उन्होंने आगे कहा- पहली खेप में सभी 10 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी नहीं की जा रही है। फ्रांस में भी कुछ विमानों की जरूरत होगी, जिससे भारतीय वायुसेना के पायलट और क्रू को और ट्रेनिंग दी जा सके। फ्रांसीसी वायुसेना अपने एयरबस A330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन (MRTT) विमान का इस्तेमाल करके रास्ते में राफेल लड़ाकू विमान में ईंधन भरेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी में तेजी लाना काफी अच्छी बात है। वहीं, पहले खेप के अलावा, भविष्य के राफेल विमानों की डिलीवरी में भी तेजी आने की संभावना है।
पहले से तय डिलीवरी शेड्यूल के अनुसार, पहले 18 लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना को फरवरी 2021 में दिया जाना था। इसके बाद अप्रैल-मई, 2022 में बाकी विमानों की डिलीवरी होनी थी। फ्रांस ने पहला राफेल विमान को आठ अक्टूबर, 2019 को भारत को सौंप दिया था।

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