New Delhi : चीन ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम को कोरोनो वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए देश का दौरा करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त कर दी है। बता दें कि कोरोना वायरस का पहला केस चीन के वुहान में मिला था। इधर अमेरिका के, विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने के फैसले की चीन ने आलोचना करते हुए कहा कि यह एक और उदाहरण है जब अमेरिका ने एकतरफा कदम उठाया है।
WHO will send a team of experts to Beijing to exchange views on the scientific cooperation on the origin of #COVID19. WHO will send similar teams to other countries and regions as needed.
pic.twitter.com/9OIEZocVnk— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) July 8, 2020
चीन ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक प्रयासों के लिए डब्ल्यूएचओ का बचाव भी किया। कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, इसकी जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की एक टीम भी चीन का दौरा करने वाली है। ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से सभी संबंध तोड़ते हुए इस निकाय से अमेरिका के बाहर होने के अपने फैसले के बारे में संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से अवगत करा दिया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संगठन को आर्थिक मदद रोकने की घोषणा अप्रैल मध्य में की थी और डब्ल्यूएचओ से अमेरिका के बाहर होने की अपनी मंशा भी मई में स्पष्ट रूप से जाहिर कर दी थी। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, यह एक और उदाहरण है जब अमेरिका ने एकतरफा तरीके से कदम उठाया है। पहले भी कई संधि और संगठनों से अमेरिका अलग हो चुका है।
In response to the wrong US move, we decide to impose visa restrictions on US personnel with egregious behavior on Tibet.
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अमेरिका ने पिछले साल चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना वायरस महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ पर बीजिंग का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया है। उसका आरोप है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व को गुमराह किया, जिसके कारण दुनिया भर में पांच लाख लोगों की मौत हुई। इनमें से 130000 मौत अकेले अमेरिका में हुई। झाओ ने कहा, डब्ल्यूएचओ वैश्विक जन स्वास्थ्य सुरक्षा पर दुनिया का सबसे बड़ा लोक प्राधिकार है । कोविड-19 महामारी जब गंभीर चरण में पहुंच गयी तो वैश्विक स्तर पर कदम उठाने में समन्वित भूमिका के लिए इसने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
वायरस के खिलाफ लड़ाई में डब्ल्यूएचओ का समर्थन करने का मतलब अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करना है और इससे कई लोगों की जान बचायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के कदम से महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को झटका लगेगा और ऐसे विकासशील देशों पर असर पड़ेगा जिन्हें तुरंत अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है।
Does FBI Director Wray want US to be a haven for criminals by making comments like this?
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उन्होंने कहा- हम अमेरिका से अपनी प्रतिबद्धताओं और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाने का अनुरोध करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करना चाहेंगे कि बहुपक्षवाद पर सर्वसम्मत राय रखें और जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ की मदद करें।
डब्ल्यूएचओ की टीम के चीन के दौरे को लेकर सवाल पूछे जाने पर झाओ ने कहा कि वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए टीम को अन्य देशों का भी दौरा करना चाहिये।