New Delhi : अमेरिकी नौसेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास कर चीन को अपना दमखम दिखाया है। यह अभ्यास समुद्री क्षेत्र में फिलीपींस, वियतनाम जैसे पड़ोसी मुल्कों पर धौंस जमा रहे चीन को अमेरिका का जवाब माना जा रहा है। अमेरिकी नौसेना ने कहा – उसके युद्धपोत यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन ने अन्य पोत और विमानवाहक पोत के जरिये दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में युद्धाभ्यास किया।
Nimitz, Ronald Reagan Carrier Strike Groups continue dual carrier operations in South China Sea, demonstrate unmatched commitment to #FreeandOpenIndoPacific: https://t.co/yXboNmwhPA #USNavy @US7thFleet @INDOPACOM pic.twitter.com/ROE1PMvN7o
— U.S. Pacific Fleet (@USPacificFleet) July 6, 2020
उसने कहा – अभ्यास का उद्देश्य हवाई रक्षा क्षमता बढ़ाने के साथ विमान वाहक पोत से लंबी दूर तक मार करने की क्षमता को अचूक बनाना था। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा ठोकता है, जबकि पांच अन्य देशों ने इस पर अपना अधिकार क्षेत्र बताया है। यहां से करीब पांच लाख करोड़ के सामान की हर साल आवाजाही होती है।
चीन ने कहा – अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा – अभ्यास का असली मकसद कुछ और है और यह क्षेत्र में स्थिरता को बिगाड़ने का प्रयास है।
अमेरिकी नौसेना ने ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर चीन पर पलटवार किया था। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट में लिखा था- चीन के पास DF-21D और DF-26 जैसे हथियारों की लंबी शृखंला मौजूद है। दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से एलपीए की मुट्ठी में है। इस इलाके में किसी भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट वाहक की गतिविधि से PLA खुश हो जाएगी। चीन के इस दावे पर पलटवार करते हुए अमेरिकी नौसेना ने कहा- दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी नौसेना का दो विमान वाहक #USSNimitz और #USSRonaldReagan भयभीत नहीं हैं। जवाब के साथ हैशटैग #AtOurDiscretion का इस्तेमाल किया गया।
अमेरिका ने अपने दो विमान वाहक को दक्षिणी चीन सागर में यूएसएस रोनॉल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज को सैन्य अभ्यास के लिए भेजा है। यह अभ्यास लंबे समय से नियोजित है, लेकिन चीन ने भी पैरासेल द्वीप समूह के पास सैन्य अभ्यास आयोजित किया है, जिसकी अमेरिका और अन्य देशों द्वारा आलोचना की गई है। दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले विमान वाहकों के अमेरिकी नौसेना के संचालन ने इसे और बल दिया है। हांगकांग सहित कई क्षेत्रों में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ गया।