New Delhi : चीन से पिछले तीन महीने के तनाव के बीच भारतीय कंपनियों और मंत्रालयों ने तो मानो चीन के खिलाफ मुहिम ही चला रखी है। सड़क और परिवहन मंत्रालय इसमें सबसे आगे है। वैसे चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध की दिशा में सरकार और कंपनियां काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। लेकिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कहा था कि सड़क निर्माण या फिर किसी दूसरे निर्माण योजनाओं में चीनी कंपनियों को ठेका नहीं देंगे। इसी पर अमल करते हुये दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से संबंधित दो चाइनीज कंपनियों का ठेका मिलने के बाद उन्हें काम की अनुमति नहीं दी गई है और अब नये सिरे से कंपनी का चयन कर दूसरी कंपनी को काम सौंपा जायेगा। मंत्रालय ने 800-800 करोड़ के दो प्रॉजेक्ट के लिये चाइनीज कंपनी Jiangxi Construction Engineering Corporation की सब्सिडियरी को मौका नहीं देने का निर्णय लिया है। दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है।
India rejects two Chinese companies’ bids on development of Delhi-Mumbai expressway #ETIndustryNews https://t.co/vwxtnrX0Pu
— ET Industry News (@ETIndustryNews) July 16, 2020
पिछले दिनों परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ-साफ कहा था – किसी भी सड़क निर्माण परियोजना में चाइनीज कंपनियों की डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी। इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क निर्माण से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स को कंपनी को न देने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया है। हालांकि रिपोर्ट में इसकी डिटेलिंग नहीं की गई है। मंशा साफ है कि भारत की धरती पर चीनी कंपनियों को पनपने नहीं देंगे।
Two Chinese companies' bids for Delhi-Mumbai expressway projects rejected https://t.co/FBhmiLCR3Y
— Business Today (@BT_India) July 16, 2020
इधर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली सहित देश भर में भारतीय सामान-हमारा अभिमान के तहत चीनी सामान के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान छेड़ रखा है। इसकी शुरुआत 10 जून से हुई थी।