New Delhi : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की संपत्ति में पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। विदेशों में भी उनके खातों का पता चला है। इस भ्रष्टाचार में चीनी राजदूत उनके बड़े मददगार हैं। यह बात ग्लोबल वॉच एनालिसिस की ताजा रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट के लेखक रोलांड जैकार्ड के मुताबिक इसके पीछे चीन के दो उद्देश्य हैं। पहला, उस देश में चीनी कंपनियों के व्यावसायिक हितों को आगे बढ़ाना। दूसरा, उस देश की नीतियों को प्रभावित करना ताकि चीन का दीर्घकालिक प्रभाव कायम रहे।
Nepal: The sulfurous Chinese connections of Prime Minister KP Sharma Oli. https://t.co/03EWGGYn01
— Global Watch Analysis (@GWAnalysis) July 14, 2020
रिपोर्ट के अनुसार- ओली का जेनेवा स्थित मिराबॉड बैंक में भी खाता है। इस बैंक में ओली ने लांग टर्म डिपॉजिट और शेयर्स के तौर पर 5.5 मिलियन डॉलर (करीब 48 करोड़ रुपये) निवेश कर रखा है। इससे ओली और उनकी पत्नी राधिका शाक्य को सालाना करीब 3.5 करोड़ रुपये का मुनाफा होता है। हालांकि बैंक ने अपने यहां ओली के नाम से कोई खाता नहीं होने की बात कही है।
दिसबंर 2018 में एक ‘डिजिटल एक्शन रूम’ के निर्माण का ठेका बिना किसी निविदा के चीनी कंपनी हुआवे को दे दिया गया। जबकि, सरकारी कंपनी नेपाल टेली कम्युनिकेशन इस काम को बखूबी कर सकती थी। जब हल्ला मचा और इसकी जांच कराई गई तो पता चला – ओली के राजनीतिक सलाहकार विष्णु रिमल के बेटे ने यह सौदा कराने में अहम भूमिका निभाई थी ताकि उसे वित्तीय लाभ मिल सके।
China gave USD 5.5 million to Nepal PM Oli as bribe
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— Kreately (@KreatelyMedia) July 14, 2020
भ्रष्टाचार के ऐसे आरोपों से नेपाल में ओली और उनके चीनी सहयोगियों के लिये अजीबोगरीब स्थिति पैदा होती जा रही है।