New Delhi : कोरोना लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद के लिये तय सहायता का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को अजमेर में सामने आया। यहां एक व्यक्ति के खिलाफ इस सुविधा का नाजायज फायदा उठाने की बात सामने आने पर जिला प्रशासन ने अब कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। दरअसल, लॉकडाउन की वजह से भूखे मरने की नौबत बताते हुए शख्स ने सरकारी मदद मांगी थी। फोन पर इस शख्स से बात के बाद प्रशासन ने उसके घर राहत सामग्री भिजवाई। लेकिन इस दौरान जब सरकारी कर्मचारी उसके घर पहुंचे तो महीने भर का राशन पड़ा मिला। यही नहीं घर के फ्रीज में चिकन भरा था।
अतिरिक्त जिला कलक्टर हीरालाल मीणा ने बताया कि खानपुरा के चांद मोहम्मद ने शुक्रवार को जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम पर फोन करके भोजन एवं सामग्री के लिए सहायता मांगी थी। प्रशासन ने सहायता पहुंचाने के लिए क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान चांद मोहम्मद ने फिर फोन करके कहा कि मैं भूख से मर रहा हूं, मेरे मरने के बाद सहायता पहुंचेगी क्या? इसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया और खानपुरा के रसद विभाग के अधिकारी तुरन्त सूखी राशन सामग्री एवं तैयार भोजन के पैकेट लेकर गए।
जिला प्रशास के अनुसार जरूरत मंद के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि उसे भोजन की कोई कमी न रहे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जरूरतमंद तक सामग्री पहुंचना सुनिश्चित करने के साथ ही प्रशासन द्वारा व्यक्ति की आवश्यकताओं एवं सामग्री की उपलब्धता के संबंध में जांच की जाती है। लेकिन जांच करने पर चांद मोहम्मद के घर में मोटर साईकिल, गैस कनेक्शन, फ्रीज, कूलर जैसी चीजें मिलीं और वो सम्पन्न नजर आया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से वास्तव में जरूरत मंदों तक समय पर राहत सामग्री नहीं पहुंच पाती है।