New Delhi : कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद रेलवे की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में कोई देरी नहीं होगी। दोनों परियोजनाएं तय समयसीमा में पूरी हो जाएंगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बुधवार को यह बात कही। यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि देश में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं देरी का सामना कर रही हैं। आर्थिक दिक्कतों के साथ-साथ कामगारों की कमी कई परियोजनाओं में देरी का कारण बन रही है।
The Railways' two big ticket projects — the Dedicated Freight Corridor and the bullet train project — aimed at a modal shift in rail operations in the country will not be delayed despite the coronavirus crisis, Railway Board Chairman VK Yadav https://t.co/oqzLZG896A
— DFCCIL (@dfccil_india) July 9, 2020
81,000 करोड़ रुपये की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) परियोजना में 1,839 किलोमीटर का ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और 1,483 किलोमीटर का वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शामिल है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, वेस्टर्न डीएफसी का 56 फीसद और ईस्टर्न डीएफसी का 60 फीसद कार्य पूरा किया जा चुका है। डीएफसीसीआइएल (डीएफसी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) का कहना है कि परियोजना के लिए 99 फीसद भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस परियोजना को दिसंबर, 2021 तक पूरा होना है। रेलवे की 70 फीसद मालगाड़ियां इसी कॉरिडोर पर दौड़ेंगी, जिससे रेलवे नेटवर्क पर दबाव कम होगा।
यादव ने एक साक्षात्कार में कहा- डीएफसीसीआइएल ने अपने कामगारों को काम की जगहों पर ही कैंप बनाकर रखने का बेहतरीन निर्णय किया है। वहीं उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा गई हैं, जिससे कोरोना महामारी के बाद भी कामगारों का बड़ा वर्ग वहीं बना रहा। इसलिए काम की गति धीमी तो हुई लेकिन काम रुका नहीं। मुझे उम्मीद है कि परियोजना में देरी नहीं होगी।
बुलेट ट्रेन के बारे में यादव ने बताया – अभी टेंडर और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। बोलीकर्ताओं के प्रश्नों के हल के लिये लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्री-बिड मीटिंग भी की गई थी।
वीके यादव ने 151 निजी ट्रेनें चलाने के रेलवे के फैसले को अच्छा कदम बताया है। उन्होंने कहा – इससे रेलवे में नई टेक्नोलॉजी आयेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने इस फैसले के विरुद्ध दिये जा रहे तर्को को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा – इन निजी ट्रेनों के बाद भी 95 फीसदी ट्रेनें रेलवे के ही अधीन होंगी। इन निजी ट्रेनों के लिये भी किराया रेलवे द्वारा ही तय किया जायेगा।
Ahmedabad-Mumbai bullet train: India’s first high-speed rail project on track despite COVID-19; details https://t.co/ixCo1z543B via @FinancialXpress
— T.K Infra News (@TKInfraNews1) July 9, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर स्पष्ट किया – रेलवे का निजीकरण नहीं हो रहा है। रेलवे की सेवाएं यथावत रहेंगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी से 151 नई और आधुनिक ट्रेनें चलाई जाएंगी। खबरों के मुताबिक, हुंडई, मित्सुई और अल्सटॉम जैसी वैश्विक कंपनियां तथा टाटा रियल्टी, अडानी पोर्ट्स, भारत फोर्ज, एस्सेल ग्रुप और आइआरसीटीसी जैसी घरेलू कंपनियां निजी ट्रेन चलाने में रुचि दिखा रही हैं।