New Delhi : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों से कहा कि निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में भारत के सामने अपार संभावनाएं हैं और राज्यों को इसका फायदा उठाना चाहिए। कोरोना वायरस महामारी को लेकर प्रसाद ने राज्यों के आईटी मंत्रियों के साथ वीडियो-कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही।
We have to popularise work from home (WFH) norm. There are many restrictions for it like money deposits & clearances, these things were relaxed till April 30 after #COVID19 outbreak. We have decided to extend the relaxation till July 31: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/GucV56OcNF
— ANI (@ANI) April 28, 2020
इस बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घर से काम करने की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी के नियमों में ढील दी गई है। ये छूट 30 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, जिसे अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक फिलहाल आईटी सेक्टर के 85 फीसदी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं और आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम सामान्य प्रक्रिया हो जाएगी।
घर से काम सही तरीके से हो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा छूट कंपनियों को दी गई है। जिससे उनके काम काज में कोई असर न पड़े। रविशंकर प्रसाद ने इसके साथ ही युवा कारोबारियों को नई तकनीक और खोज सामने रखने को कहा है जिससे कोरोना संकट से निपटने में मदद मिले। उनके मुताबिक सरकार कोरोना संकट को एक अवसर के रूप में भी देख रही है, जिससे आईटी सेक्टर में बड़े बदलाव लाए जा सकें।
अब ऐसे में जब सरकार ने लगभग यह तय कर लिया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को घर में रखना चाहिये और बाहर कम से कम भीड़ रखना चाहिये तो यह सवाल भी मौजू हो गया है कि स्कूल कब से खुल सकेंगे। क्योंकि आईटी, बीपीओ्, एमएनसी को कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम हाम कराने को कहा गया है तो निश्चत रूप से बच्चों को तो अगस्त तक घर से बाहर नहीं ही निकलने दिया जायेगा। अब ये बड़ा सवाल हो गया है कि स्कूल कब से खुलेंगे।
हालांकि अभी तक मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है लेकिन ऐसी उम्मीद थी कि गर्मी छुट्टियों के बाद स्कूल खोले जायेंगे। लेकिन सरकार के मौजूदा रुख खासकर वर्क फ्रॉम होम लेकर जो सरकार का रुख है उससे तो यह साफ हो गया है कि आनेवाले दिन बच्चों के लिये भी बहुत ज्यादा मुश्किल भरे हैं।