हाथरस प्रकरण की जांच CBI ने अपने हाथ में ली, पीड़ितों का विरोध, चंद्रशेखर ने सरकारी तोता कहा

New Delhi : उत्तर प्रदेश के विवादित हाथरस प्रकरण की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने अपने हाथ में ले ली है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण की जांच की सिफारिश सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। हालांकि पीड़ित परिवार ने सीबीआई जांच का विरोध किया था जबकि आरोपियों की ओर से सीबीआई जांच कराने के फैसले का स्वागत किया गया था। पीड़ितों का कहना था कि मामले में एसआईटी जांच चल रही है और इस मामले को मैनुपुलेट करने के लिये सीबीआई कराई जा रही है। जबकि इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।

इस प्रकरण में सीबीआई जांच कराने का विरोध भीस सेना के चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने भी की थी। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने के मसले पर कहा कि सीबीआई तो सरकारी तोता है। सरकार जैसा चाहेगी, वैसी रिपोर्ट सीबीआई बनायेगी। आरोपियों को बचाने का प्रयास है। अगर सरकार की नीयत साफ होती तो सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में इस मामले की जांच कराती। इस मामले में शुरू से लीपापोती के प्रयास हो रहे हैं, क्योंकि आरोपी ठाकुर बिरादरी से आते हैं। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं और उन्हें दबाया जा रहा है। हम किसी से डरते नहीं हैं और अगर हाथरस में पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ तो फिर किसको न्याय मिलेगा।
बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और सुप्रीम कोर्ट में भी हाथरस प्रकरण पर सुनवाई होनी है। न्यायालयों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये सरकार को आड़े हाथों लिया है और पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले में राज्य पुलिस के भी अपने ही तर्क है। जबकि जेल में बंद आरोपियों ने एसपी को खत लिखकर आरोप लगाया है कि पीडित अपने मां और भाई का शिकार हो गई, क्योंकि उसकी बातचीत मेरे साथ होती थी और लड़की के परिवार को यह नागवार गुजरा था।

उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर की घटना में सबसे बड़ा मोड़ पिछले दिनों तक आया जब प्रशासन और पुलिस ने जबरन पीड़िता का अंतिम क्रियाकर्म देर रात ढाई बजे कर दिया। इसमें घरवाले भी शामिल नहीं हुये। इसकी गाज एसपी, डीएसपी और दो अन्य पुलिस अफसरों पर गिरी। दो-तीन दिनों तक पीड़ित के परिजनों को न तो मीडिया से मिलने दिया न घर से बाहर निकलने दिया गया। गांव में अघोषित कर्फ्यू लगा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *