New Delhi : आज शनिवार 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा। 13 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा और खरमासखत्म हो जाएगा। इस माह सूर्य गुरु ग्रह की सेवा में रहते हैं। इस वजह से इन दिनों में शुभ कर्म वर्जित रहते हैं। इस माह में सूर्य की विशेषपूजा करनी चाहिए।
भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण और सांब के संवाद बताए गए हैं। सांब श्रीकृष्ण के पुत्र थे। इस अध्याय में श्रीकृष्ण ने सांब कोसूर्य देव की महिमा बताई है। श्रीकृष्ण ने सांब को बताया कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य की पूजा करता है, उसे ज्ञानकी प्राप्ति होती है। स्वयं मैंने भी सूर्य की पूजा की और इसी के प्रभाव के दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई है।
सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्यअर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य मंत्र का जाप करें।
सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ दिनकराय नमः, ऊँ दिवाकराय नमः, ऊँ खखोल्काय स्वाहा – इन मंत्रोंका जाप करना चाहिए। उपासना में धूप, दीप जलाएं और सूर्य का पूजन करें।
सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें। अपनी श्रद्धानुसार इनचीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। हर रविवार सूर्य के लिए व्रत करें।