New Delhi : चीन सीमा से लद्दाख सहित देश के पूर्वोत्तर सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल तेजी से बिछाने के लिए केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान शुरू करने जा रही है। इसके तहत सड़क निर्माण के सरकारी उपक्रम में जूनियर मैनेजर से लेकर कार्यकारी निदेशक के पद साक्षात्कार के जरिए भर्ती की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 17 जुलाई है।
अधिकारियों ने बताया कि मैनेजर (वित्त), डिप्टी मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर व जूनियर मैनेजर पद पर बंपर भर्ती की जाएगी। आउटसोर्सिंग-सीधे ठेके पर भर्ती होने वाले उक्त पदों का वेतन वेतन 80 हजार रुपये से 45 हजार रुपये प्रति माह होगा। इसमें वेतन-भत्तों में सालाना 8 फीसदी की वृद्धि भी शामिल है।
Nearly 100 labourers flown to Leh to help with critical border road construction https://t.co/GVT5QFSC8o
— माधव (@ob_serv_er) July 4, 2020
उन्होंने बताया कि क्लास वन के पद ईडी, जीएम, डिप्टी जीएम आदि की भर्ती सीधे ठेके पर सेवानिवृत्त अधिकारी अथवा प्रत्यनियुक्ति पर की जाएगी। इनका वेतन एक लाख रुपये से सवा दो लाख रुपये प्रति माह होगा। दो इंस्पेक्श्न वाहनों पर 85,000 रुपये खर्च की छूट, 500 वर्गमीटर का क्षेत्रीय कार्यालय 1.5 लाख रुपये प्रति माह किराया, होटल में ठहरने व खाने की खर्च की सीमा 4000 हजार से 55000 रुपये प्रति दिन आदि की सुविधा मिलेंगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गम स्थानों पर आकर्षण पैदा करने के लिए एक जून से क्लास वन अधिकारियों को भत्ता 733 फीसदी (जोखिम भत्ता) तक बढ़ा दिया है। जबकि चतुर्थ श्रेणी व तृतीय श्रेणी के टेक्निकल व नॉन टेक्निकल स्टाफ के वेतन में 170 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है। इसके अगले चरण में सरकार उपक्रम में भर्ती अभियान शुरू करने जा रहा है।
एनएचआईडीसीएल में मोटी तनख्वाह और भत्तों में बंपर बढ़ोत्तरी का कारण यह है कि कर्मचारी विभाग छोड़कर जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र की विषम परिस्थितियां व दुर्गम इलाकों में काम करने के अलावा प्रशासन की मनमानी बड़ा कारण माना जा रहा है। पिछले सात महीनों में 100 से अधिक क्लास वन अधिकारी-ईडी से लेकर जूनियर मैनेजर स्तर के कर्मियों का तबादला किया जा चुका है। इस कारण कंपनी के कार्यालय खुलने के एक माह के भीतर बंद किए जा चुके हैं। इसका प्रतिकूल असर सड़क निर्माण पर रहा है।