New Delhi : राष्ट्रपति ने निर्भया कांड के दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका ख़ारिज कर दी है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार–हत्या मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका सोमवार को खारिज की। पवनसमेत चार दोषियों को इस मामले में मौत की सजा सुनायी गई है।
न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कहा दोषी की दोषसिद्धि और सजा की पुन: समीक्षा का कोई मामला नहींबनता। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषणहैं।
इधर निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए फिर से कानूनी पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। इस बार निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचनेके लिए तीन बड़े कानूनी दांव आजमाए हैं। दोषियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति रामनाथकोविंद तक दौड़ लगाई है। शुक्रवार को निर्भया के दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की, तो दूसरे दोषी अक्षयने दूसरी बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया लगाई है।
इतना ही नहीं, निर्भया के दोषी पवन गुप्ता और अक्षय ने डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में भी अर्जीलगाई है। इसमें दलील दी गई कि निर्भया के दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट और दोषी अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंद के पास लंबित है. लिहाजा डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए।
इससे पहले निर्भया के दोषी दो बार डेथ वारंट पर रोक लगवाने में कामयाब हो चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने यह तीसरी बार डेथ वारंटजारी किया है। निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया गया है।
शनिवार को निर्भया के दोषी अक्षय के वकील ए. पी. सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि निर्भया के दोषी अक्षय ने अब कंप्लीट दयायाचिका फाइल की है। इस पर कोर्ट ने वकील ए. पी. सिंह से कहा कि आपको पहले ही कंप्लीट दया याचिका फाइल करनी चाहिएथी। जज ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि कंप्लीट पिटीशन है या इनकंप्लीट, लेकिन यह आपकी दूसरी मर्सी है।