New Delhi : महाराष्ट्र की स्थिति बिगड़ती जा रही है। यहां कोरोना पॉजेटिव की संख्या एक हजार से अधिक हो गई है। बृहन मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने दस हजार होटल के कमरों को अधिग्रहित कर लिया है। इन होटल के कमरों में हाई रिस्क और लो रिस्क के पेशेंट को रखने की तैयारी की जा रही है। इनमें उन लोगों को भी रखा जाएगा जिन्हें घरों में क्वारैंटाइन करना संभव नहीं है। उधर, नवी मुंबई के पनवेल महानगरपालिका ने 1000 नए फ्लैट्स को अधिग्रहित किया है । इन फ्लैट्स को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से कुछ समय के लिए लिया गया है।
कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी निवास ‘मातोश्री’ के बाहर एक चाय की दुकान चलाने वाला संक्रमित मिला था। इसके बाद उनके आवास की सुरक्षा में मुस्तैद 150 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। आवास की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया है। मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जब मातोश्री से निकले तो वह अपनी कार खुद चलाते नजर आए। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने अपने ड्राइवर को छुट्टी दे रखी है।
देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 5 हजार 383 हो गई है। बुधवार को इंदौर में 22 नए पॉजिटिव मिले। कोरोना संकट के बीच भारतीय सेना ने 16 अप्रैल को होने वाली द्विवार्षिक कमांडर कॉन्फ्रेंस आगे बढ़ा दी है। इसमें सेना प्रमुख एमएम नरवणे की अध्यक्षता में सीमा सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को 50 लाख रुपए का बीमा कवर देने का ऐलान किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार सुबह 10 बजे बताया कि पिछले 24 घंटे में देशभर में 773 नए संक्रमित मिले हैं। अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 5 हजार 194 हो चुका है, इनमें से 401 मरीज ठीक भी हुए हैं।
इधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट करके भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार निशाना साधा है। ओवैसी का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोनावायरस की आलोचना से बचने के लिए ऐसा प्रयास किया जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके लिखा – बिना योजना बनाए लागू किए गए लॉकडाउन और COVID-19 से नौसिखियों की तरह निपटने की कोशिशों की आलोचना से बचने का मिलाजुला प्रयास किया जा रहा है। भाजपा के प्रचारकों को मालूम होना चाहिए कि वे व्हॉट्सऐप फॉरवर्ड के ज़रिये कोरोनावायरस को नहीं हरा सकते। मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना कोरोनावायरस की दवा नहीं है, न ही यह पर्याप्त टेस्टिंग का विकल्प हो सकता है।