New Delhi : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए। उनका कहना है कि मंदिर एक बार बनना है इसलिए इसकी विशालता और भव्यता का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
अंकोरवाट कंबोडिया में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है। जो करीब 162.6 हेक्टेयर में फैला है। इसे मूल रूप से खमेर साम्राज्य में भगवान विष्णु के एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर आज भी संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
वर्तमान कंबोडिया का प्राचीन नाम कंबुज था और वहां खमेर साम्राज्य था। खमेर भाषा में अंकोर शब्द का अर्थ राजधानी होता है। अंकोर शब्द संस्कृत के नगर शब्द से बना है। इसलिए अंकोर नाम का महानगर खमेर साम्राज्य की राजधानी रहा। खमेर साम्राज्य लगभग 9वीं शताब्दी से 15वीं शताब्दी तक अपने उत्कर्ष पर था। अंकोर महानगर में वर्ष 1010 से 1220 तक के काल में बहुत बड़ी संख्या में लोग रहते थे।
आज इसी जगह अंकोरवाट का मंदिर स्थित है। जो कम्बोडिया का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। अंकोर नगर के अवशेष श्याम रीप (सिमरिप) नामक आधुनिक नगर के दक्षिण में जंगलों और खेतों के बीच है। अंकोर क्षेत्र में करीब 1000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं। इनमें से कई मन्दिरों का पुनर्निर्माण हुआ है। अंकोरवाट मंदिर तथा अंकोरथोम सहित पूरे क्षेत्र को यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
Latest posts by Live India (see all)
- पूर्व रॉ चीफ बोले-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से कुछ नहीं होगा - December 14, 2019
- पाकिस्तान के रेल मंत्री ने कहा-मुसोलिनी-हिटलर हैं मोदी - December 14, 2019
- अमित शाह बोले-हम नागरिता बिल लेकर आए तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो गया - December 14, 2019