New Delhi : रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का तय मुहूर्त लॉकडाउन के कारण स्थगित नहीं किया जाएगा। 30 अप्रैल यानी बैसाख शुक्ल सप्तमी को तय मुहूर्त पर ही भूमि पूजन होना निश्चित है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को कहा – आजकल आनलाइन का जमाना है। तो फिर परेशानी ही क्या है? सोशल डिस्टेंसिंग भी रहेगी और कार्य भी बाधित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को खरमास के बाद निर्धारित मुहूर्त पर शादियां होंगी ही। उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या में लोग जाएंगे और कार्यक्रम निपटा देंगे। फिर जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी तब समारोह भी कर लेंगे। उसी तरह से यह कार्य भी हो जाएगा।
फिलहाल अभी हम इस बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि यह चाहते हैं कि कोई ऐसी स्थिति न पैदा हो जिससे शासन-प्रशासन को दिक्कत आये।
इधर अस्थाई मंदिर में भगवान हनुमान की एक नई प्रतिमा की स्थापना की गई है। पुरानी मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी लेकिन राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर लंबित मामले के कारण ‘यथास्थिति’ बनाए रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कारण पुरानी क्षतिग्रस्त मूर्ति को अब तक बदला नहीं जा सका था।
मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा – एक खंडित मूर्ति की पूजा करना हिंदू धर्म में निषिद्ध है, लेकिन इसके बारे में हम कुछ भी नहीं कर सकते थे। जब पिछले महीने रामलला की मूर्ति नए मंदिर में स्थानांतरित की गई, तो मैंने मंदिर के ट्रस्ट सदस्यों को सूचित किया। पुरानी मूर्ति को सरयू नदी में विसर्जित कर दिया गया है और नए की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। लॉकडाउन हटते ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि पीएमओ की हरी झंडी मिलने के बाद संभावित तिथियों पर ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन का मुहूर्त निकलवाया गया था। वैदिक आचार्यों की ओर से 30 अप्रैल की तिथि को सर्वथा अनुकूल बताए जाने के बाद पीएमओ से सहमति लेकर समय तय कर दिया गया था। ट्रस्ट ने इस तिथि की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। फिर भी अंदरखाने तैयारियां जारी थीं। इस तिथि पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी पहले ही मुहर लगा दी थी। हालांकि अब पीएम नरेन्द्र मोदी व संघ प्रमुख भागवत दोनों का ही आगमन संभव नहीं। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनकी उपस्थिति संभव हो सकती है।
रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह से विराजमान रामलला को नये भवन में प्रतिष्ठित करने के बाद स्थान रिक्त हो गया था। इस रिक्त स्थान पर आवागमन भी बंद हो गया है। गर्मी का मौसम है, इस दौर में आगजनी का खतरा रहता है। किसी कारण से कोई दुर्घटना हो गयी तो सबकुछ सुरक्षा बल के मत्थे आ जाएगा और निरर्थक लोगों की जवाबदेही बनेगी। इस कारण सावधानीवश अस्थाई टेंट को हटाने का निर्णय हुआ। वैसे भी उसे हटाया जाना ही था।