New Delhi : कोरोना आपदा की वजह से अभी स्कूलों को खुलने में और वक्त लगेगा। स्कूल खुलने के बाद भी एटेन्डेन्स अनिवार्य नहीं होगा। आना या न आने की छूट दी जायेगी छात्रों और अभिभावकों को। स्कूल खुलने के बाद भी सिर्फ ऐसे बच्चों को ही स्कूल बुलाया जायेगा जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। जिनके पास मोबाइल, इंटरनेट और टीवी आदि नहीं है। जो छात्र घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, उन्हें ऑनलाइन ही पढ़ाया जायेगा।
वर्तमान परिस्थितियों में देशभर से #CBSE के पाठ्यक्रम को कम करने की मांग को देखते हुए सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों और शैक्षणिक संस्थानों से अपील है कि वे इस दिशा में अपने सुझाव #SyllabusForStudents2020 के साथ मेरे ट्विटर @DrRPNishank या मंत्रालय के ट्विटर @HRDMinistry पर साझा करें। pic.twitter.com/QjotaiHgf2
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 9, 2020
इससे स्कूलों में छात्रों की भीड़ नहीं जमा होगी। सोशल डिस्टेन्शिंग के प्रावधानों का भी आसानी से पालन कराया जा सकेगा। बड़ी संख्या में अभिभावकों ने संक्रमण का खतरा टलने तक मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का ही सुझाव दिया है। फिलहाल इन सारी परिस्थितियों के बीच मंत्रालय स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुटा हुआ है। इधर अभिभावकों और टीचर्स की डिमांड पर इस चालू शैक्षणिक सत्र में पाठ्यक्रम और इंस्ट्रक्शन आवर्स में कमी करने की दिशा में प्रयास शुरू किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है- वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर और माता-पिता, शिक्षकों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त करने के बाद, हम आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम और निर्देशात्मक घंटों में कमी के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
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केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया- मैं सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों और एकेडेमिक्स के एक्सपर्ट से अपील करता हूं कि वे मेरे या मंत्रालय के ट्विटर हैंडल या फेसबुक पेज # SyllabusForStudents2020 का उपयोग करके इस मामले पर अपनी बात साझा करें ताकि हम निर्णय लेते समय उन्हें ध्यान में रख सकें।
मुझे यह बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि ई-लर्निंग को और अधिक रचनात्मक बनाने के लिए @NCERT और @Rotary क्लब एक #MOU पर हस्ताक्षर कर रहे हैं ।
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 9, 2020
वैसे भी स्कूलों को खोलने को लेकर सरकारें जल्दबाजी में नहीं हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार 8 जून को बुलाई गई बैठक में ज्यादातर राज्यों ने स्कूलों के खोलने की योजना को अगले दो महीने तक और स्थगित रखने का सुझाव दिया है। हालांकि इसमें राज्यों ने पाठ्यक्रम छोटा करने पर सहमति नहीं जताई।
शिक्षा में नवाचार और डिजिटलकरण को मजबूत करने के उद्देश्य से @HRDMinistry सभी के लिए ई-लर्निंग, सटीक एवं अद्यतन पाठ्यसामग्री का निर्माण और लर्निंग एन्हांसमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि विद्यार्थियों को घर बैठे गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुलभ हो सके।
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 9, 2020
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी ओर से स्कूल खोलने जैसे महत्वपूर्ण फैसले पर कुछ भी न करें। स्कूलों को खोलने पर केंद्र सरकार में फिलहाल 15 जुलाई के आसपास समीक्षा होगी। उसके बाद ही स्कूलों, कालेजों और कोचिंग सेंटरों को खोलने पर कोई निर्णय हो पायेगा। स्कूलों को लेकर कोई भी गाइडलाइन गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद ही जारी की जायेगी। इसके बाद ही कोई भी राज्य अपनी स्थिति के आधार पर स्कूलों को खोलने का निर्णय ले सकेंगे।