New Delhi : चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा। भारत के तमाम इमानदार कोशिशों के बाद भी चीन अपना रंग दिखा रहा है। एक तरफ बातचीत का दिखावा कर रहा है तो दूसरी तरफ लद्दाख एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश हो रही हैं। हालांकि भारतीय सेना बार-बार चीनी सैनिकों को खदेड़ दे रही है। 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने लद्दाख में पैंगॉन्ग झील की दक्षिणी पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी। 31 अगस्त को भी एलएसी पर उकसाने वाली कार्रवाई की। अब 1 सितंबर को फिर खबर आई है कि चीन के सैनिकों ने चुनार इलाके में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने खदेड़ दिया।
China's government has accused Indian troops of illegally trespassing onto Chinese territory.
A spokesperson for the Chinese Embassy in India said that Indian forces had "conducted flagrant provocation… which again stirred tension in the border areas." https://t.co/CWvB4gbvGP
— CNN International (@cnni) September 1, 2020
इधर सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन की सेनाओं के ब्रिगेड कमांडर लेवल के अफसर आज लगातार तीसरे दिन बातचीत करेंगे। ये मीटिंग चुशूल सेक्टर में एलएसी से 20 किलोमीटर दूर स्थित मॉल्दो में होगी। इससे पहले भारत ने चीन से स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने फ्रंटलाइन सैनिकों को काबू में रखे। दूसरी तरफ चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 1962 की याद दिलाते हुये कहा है कि चीनी सेना से भारत अपनी रक्षा नहीं कर सकता।
दक्षिणी पैंगॉन्ग के विवादित इलाके में पूरी तरह से भारत का कब्जा है। यहां की कई चोटियों पर आर्मी मौजूद है। सेना की तरफ से कहा गया है कि चोटियों पर जवान इसलिये काबिज हैं, क्योंकि एलएसी को लेकर भारत की स्थिति एकदम साफ है। मुश्किल समझे जाने वाले स्पांगुर गैप, स्पांगुर झील और इसके किनारे की चीनी सड़क पर भी भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया है। चीन लद्दाख सीमा पर कई चोटियों पर अपना दावा करता रहा है। वह पैंगॉन्ग झील के पूरे दक्षिणी हिस्से और स्पांगुर गैप पर भी कब्जा करना चाहता था, ताकि बढ़त हासिल कर सके।
Amid tensions escalating between the armies of India and China along the LAC in eastern #Ladakh, the situation in the newly created Union Territory remains tense with people anxious about the future.https://t.co/jDFyXa1ed6
— Deccan Herald (@DeccanHerald) September 2, 2020
दोनों सेनाएं यहां टैंक और दूसरे भारी हथियारों के साथ एक दूसरे के सामने खड़ी हैं। तनाव कम करने के लिये घंटों चली बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। भारतीय जांबाजों ने चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने के साथ ही पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाई वाले इलाकों को नियंत्रण में ले लिया। ये ऊंचे स्थान रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं। यहां से इस पूरे इलाके को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।