आर्मी कपल की 22 साल की बिटिया बिना कोचिंग पहले प्रयास में बनीं IAS, टॉप रैंक हासिल कर मान बढ़ाया

New Delhi : देश को IAS, IPS, IRS जैसे बड़े सरकारी अफसर देन वाली परीक्षा यूपीएससी है जो भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। 2019 की इस परीक्षा का परिणाम इसी साल अगस्त में घोषित किया गया। इस साल लड़कियों का परिणाम भी काफी अच्छा रहा। जिसका नयाब उदाहरण चंद्रज्योति सिंह हैं। जिन्होंने 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में सबसे कठिन समझी जाने वाली परीक्षा को ऑलओवर 28वीं रेंक लाकर पास किया है। सभी को हैरानी तो तब हुई जब उन्होंने मीडिया में आकर बताया कि उन्होंने इस परीक्षा को बिना किसी कोचिंग क्लास के पास किया है। अमूमन छात्र इस परीक्षा को पास करने के लिए 3 से 4 लाख रुपये की मोटी रकम कोचिंग सेंटर्स में खर्च करते हैं तो फिर 22 साल की चंद्रज्योति ने बिना कोचिंग ये कारनामा कैसे कर दिखाया आइए जानते हैं।

चंद्रज्योति के माता-पिता दोनों ही आर्मी में हैं, इसलिए उनका बचपन अलग-अलग शहरों और राज्यों में बीता। लेकिन उनकी ज्यादातर शिक्षा दिल्ली से हुई। 12वीं में टॉप करने के बाद उन्होंने दिल्ली के जाने-माने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास विषय से स्नातक किया। उनका ग्रेजुएशन 2018 में पूरा हुआ। आप चंद्रज्योति की प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद अपना कोई साल वेस्ट न करते हुए अगले ही साल होने वाली यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने काफी पहले से सोच लिया था कि उन्हें सिविल सेवा में ही जाना है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने आगे की पढ़ाई की। 2019 की यूपीएससी परीक्षा में वो पहली बार बैठ रहीं थी। आमतौर पर ज्यादातर छात्रों को 1-2 साल तो परीक्षा के बारे में जानकारी जुटाने और उसके पैटर्न को समझने में ही लग जाते हैं वहीं ज्योति अपने लक्ष्य के प्रति इतनी समर्पित थी कि उन्होंने बिना गेप यर के इस परीक्षा को पास कर लिया।
युवाओं के बीच आईएएस सेवा का क्रेज इस तरह है कि लोग इस गरिमा पूर्ण पद को पाने के लिए 30 साल की उम्र तक तैयारी करते हैं लेकिन परीक्षा क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में जब चंद्रज्योति 22 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा को बिना कोचिंग पास करती हैं तो ये काबिले तारीफ है। चंद्रज्योति अपनी इस सफलता के पीछे थोड़ी मेहनत के साथ अपनी अलग और अनोखी स्ट्रेटजी को मानती हैं। वो जब अपना ग्रेजुएशन कर रही थीं तभी से ही उन्होंने इस परीक्षा का पैटर्न समझना शुरू कर दिया था। ग्रेजुएशन खत्म होते होते उन्हें जानकारी हो गई कि उन्हें कैसे और कहां से शुरू करना है। उन्होेंने बिना अपना टाइम वेस्ट किए अपना टाइम टेबल बनाया और खुद को परीक्षआ के पाठ्यक्रम के अनुकूल ढ़ालती गईं।
चंद्रज्योति के इस तरह परीक्षा पास करने के बाद सभी ने उनकी स्ट्रेटजी को जानना चाहा। इस बारे में उन्होंने बताया कि उन्होंने तैयारी के लिए अपना जो स्टडी टाइम बनाया था उसे दो भागों में बांट लिया। पहले भाग में वो अपना जनरल स्टडीज का सिलेबल पूरा करती तो दूसरे भाग में वो अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट को देखती थीं। आमतौर पर लोग दिन में अखबार पढ़ते हैं ज्योति रात में पढ़ती थीं दिन में अपनी सिलेबस से जुड़ी पढ़ाई को पूरी करती थीं।

इस तरह उन्होंने मात्र पांच महीनों में अपना सारा सिलेबस पूरा कर लिया। इसके बाद वो ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से जुड़ गईं जहां उन्होंने जितना कुछ खुद पढ़कर सीखा था उसका मॉक टेस्ट देना शुरू किया। उन्होंने लगातार कई महीनों तक मॉक टेस्ट दीए। इसके बाद उन्हें यकीन हो गया था कि वो परीक्षा क्लियर कर लेंगी और जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो उनकी सफलता ने सभी को चौंका दिया।

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