image source- Social media

अनिल ने खोला फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ जैसा स्कूल, रैंचों की तरह इनोवेशन से बच्चों को पढ़ाते हैं

New Delhi: फिल्म थ्री इटियट्स के आमिर खान यानि रैंचों ने फिल्म में कहा था कि सक्सेस के पीछे मत भागो, एक्सिलेंस के पीछे भागो… सक्सेस झक मार के तुम्हारे पीछे आएगी। रैंचों का वो स्कूल भी आपको याद होगा जिसमें वह बच्चों को इनोवेशन से पढ़ाते थे। अब फिल्म की कहानी रियल में भी देखने को मिल रही है।

ओडिशा में बराल गाँव के रहने वाले अनिल प्रधान बिल्कुल रैंचों की तरह निकले। लोग इन्हें देसी रैंचों कहते हैं। क्योंकि ये बिल्कुल रैंचों स्टाइल में इनोवेशन से बच्चों को पढाते हैं। देसी रैंचो उस फिल्मी रैंचों से किसी भी मामले में कम नहीं है।अनिल प्रधान  24 साल के हैं। इंजीनियर की है, अब वह अपना स्कूल चला रहा है। वैसा ही स्कूल जैसा कि थ्री इडियट्स में रैंचों ने खोला था। यहां के बच्चे पढ़ाई सिर्फ रटने और फिर भूलने के लिए नहीं करते बल्कि वह इस पढ़ाई का उपयोग अपनी दैनिक ज़िंदगी में करते हैं।

वो चाहते थे कि उनके साथ उनके गांव के बच्चे भी आगे बढ़ें। इसलिए उन्होंने कटक से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक द्वीप पर स्कूल की शुरूआत की। इस द्वीप पर बहुत से छोटे-छोटे गांवों का समूह बसता है, जिसे 42 मोउज़ा कहते हैं। शहरों के आसपास बसे कई गांवों में आज तक बिजली, पानी और स्कूलों की व्यवस्था नहीं हो पाई है, ऐसे में एक द्वीप पर कितने ही सरकारी साधन सुलभ हो सकते हैं, ये तो हम सब जानते हैं।

अनिल ने जानबूझकर इस स्थान को चुना ताकि यहां के बच्चों को पानी के रास्ते शहरों तक ना जाना पड़े। इस स्कूल का नाम है ‘इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल फॉर रूरल इनोवेशन’। यहां बच्चों को परंपरागत तरीके से नहीं पढ़ाया जाता बल्कि खेल-खेल में वैज्ञानिक तरीके से, इनोवेशन करते हुए पढ़ाई करवाई जाती है।

अनिल ने कॉलेज के दोस्तों के साथ मिलकर ऐसा उपकरण भी विकसित किया, जो कारखानों और आवासीय भवनों द्वारा बिजली की खपत की मात्रा को 60% तक कम कर सकता है। भारत सरकार की ओर से 2018 का नेशनल यूथ आइकन अवार्ड पाने वाले अनिल प्रधान अपने स्कूल में बच्चों से भी ऐसे ही प्रैक्टिल करवाते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *