New Delhi : कोलकाता हाईकोर्ट में एक वकील मनपसंद राहत नहीं मिलने पर बौखला गया और ओपन कोर्ट में जज से दुर्व्यवहार किया। उसने श्राप दिया – भगवान करे आपको कोरोना हो जाए। आपका करियर बर्बाद हो जाए।
जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने वकील बिजॉय अधिकारी के दुर्व्यवहार को कोर्ट की अवमानना माना। जज ने वकील को नोटिस जारी करते हुए कहा – न तो मुझे अपने भविष्य की चिंता है और न ही कोरोना का डर। कोर्ट की गरिमा मेरे लिए सर्वोपरि है। आपने उस गरिमा का हनन किया है। इसलिए आप आपराधिक अवमानना के आरोपी हैं। मामले की सुनवाई कोर्ट की गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अवमानना नोटिस में घटना का उल्लेख विस्तार में किया। उन्होंने लिखा – कालिदास दत्ता बनाम इलाहाबाद बैंक के सहायक मैनेजर मामले में कालिदास की ओर से वकील बिजॉय अधिकारी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। साथ ही मामले में तुरंत सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की। याचिकाकर्ता का कहना था कि लोन की कुछ राशि अदा न करने पर बैंक ने याचिकाकर्ता की बस जनवरी माह में जब्त कर ली थी। अब बैंक उस बस की नीलामी करने जा रहा है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। जस्टिस दीपांकर ने उक्त मामले में जल्द सुनवाई से इनकार किया और आदेश लिखवाना शुरू किया। वकील को लगा कि कोर्ट उन्हें सुन नहीं रही है। जबकि कोर्ट ने कहा कि वह दूसरे पक्ष का सुने बिना एकतरफा आदेश नहीं दे सकते। जिसके बाद वकील आपा खो बैठा। उसने पहले तो एड्रेसिंग टेबल को धक्का दिया। फिर अपना माइक्रोफोन कई बार टेबल पर पटका।
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने वकील को उसके दुर्व्यवहार पर आगाह करते हुए कहा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन वकील ने कोर्ट के विनम्र अनुरोध की परवाह न करते हुए चिल्लाना जारी रखा। साथ ही कहा- भगवान करे आपको कोरोना हो जाए। आपका करियर बर्बाद हो जाए। जज ने नोटिस जारी करते हुए आदेश में लिखा- जब मैं आदेश लिखवा रहा था तो वकील ने यह भी कहा कि वो मेरा भविष्य बर्बाद कर देंगे। वकील का व्यवहार घिनौना है। यह कोर्ट की आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। आरोपी को नोटिस भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।