स्पेशल ट्रेन की सभी 1700 सीटों पर कटेगा टिकट, ट्रेन के कम से कम 3 स्टॉपेज, बीच में उतर-चढ़ सकेंगे

New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी यात्री ट्रेनों का संचालन 12 मई से कई सख्त शर्तों के साथ शुरू हो जायेगा। इस मामले में रेलवे ने सोमवार 11 मई को नया आदेश जारी किया है। रेलवे के नए ऑर्डर के अनुसार, अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1200 यात्रियों के बजाए, कुल 1700 श्रमिक यात्रा कर सकेंगे। वहीं, ट्रेन तीन स्टेशनों पर भी रुकेगी। इन ट्रेनों के सीमित स्टॉपेज हैं लेकिन यात्री इन स्टेशनों पर चढ़ और उतर सकेंगे। उदाहरण के लिए नई दिल्ली से पटना जाने वाली एसी स्पेशल ट्रेन कानपुर सेंट्रल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) और प्रयागराज जंक्शन पर रुकेगी। इन स्टेशनों पर यात्री उतर और चढ़ सकेंगे। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए जो स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं, उनमें बीच में चढ़ने या उतरने की व्यवस्था नहीं थी।

इन स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। सिर्फ ऑनलाइन टिकट मिलेगी। प्लेटफॉर्म टिकट और टिकट काउंटर बंद ही रहेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अभी 15 जोड़ी ट्रेनें चला रहे हैं। धीरे धीरे इस संख्या को बढ़ाया जायेगा। रेलवे ने सेनेटाइजेशन से लेकर थर्मल सेन्सर तक की पूरी तैयारी कर ली है।
स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद ही रहेंगे। प्लेटफॉर्म टिकट, काउंटर टिकट नहीं जारी किए जाएंगे। यात्रा के दौरान फेस कवर करना जरूरी है। डिपार्चर के वक्त स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल उन्हीं यात्रियों को इजाजत मिलेगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं पाए जाएंगे। केवल उन्हीं यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर आने की इजाजत दी जाएगी, जिनके टिकट कन्फर्म होंगे। भारतीय रेलवे की योजना है कि 12 मई, 2020 से यात्री ट्रेन संचालन को धीरे-धीरे फिर से शुरू किया जाए। शुरुआत में 15 जोड़ी ट्रेनों (30 वापसी यात्रा) को ही चलाया जाएगा। ये ट्रेनें डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी को जोड़ने वाली नई दिल्ली स्टेशन से विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जाएंगी।

यात्रा से कम से कम एक घंटे पहले स्टेशन पहुंचना होगा। बिना लक्षण वाले लोगों को ही मिलेगी यात्रा की अनुमति। मास्क पहनना सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य रहेगा। सभी के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप भी अनिवार्य। टिकट बुकिंग में किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलेगी। तत्काल, प्रीमियम तत्काल और करेंट बुकिंग नहीं होगी। अभी केवल एसी कोच के साथ ही चलेंगी सभी स्पेशल ट्रेनें। ट्रेन में कंबल और चादर की सुविधा यात्रियों को नहीं मिलेगी। एसी कोच का तापमान भी सामान्य से थोड़ा ज्यादा रहेगा। सफर के रास्ते में खाने-पीने का कोई सामान नहीं मिलेगा।

हवाई सेवा की भी तैयारी : ट्रेनों के साथ-साथ सरकार कुछ रूट पर हवाई सेवा भी शुरू करने पर विचार कर रही है। 14 मई से कुछ घरेलू उड़ानें शुरू किए जाने की उम्मीद है।

भारतीय रेलवे कोरोना वायरस देखभाल केंद्रों के लिए 20,000 कोचों को आरक्षित करने के बाद उपलब्ध कोचों के आधार पर नए मार्गों पर और अधिक विशेष सेवाएं शुरू करेगा। इसके अतिरिक्त श्रमिक स्पेशल के तौर पर 300 ट्रेनों के के संचालन के लिए भी कोचों को अलग से आरक्षित किया जाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है – हम अभी कुछ ही ट्रेन प्रयोग के तौर पर चला रहे हैं। धीरे धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जायेगी।

इन ट्रेनों में रिजर्वेशन 11 मई को शाम 4 बजे शुरू होगी और केवल IRCTC की वेबसाइट (https://www.irctc.co.in/) पर उपलब्ध होगी। रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और कोई काउंटर टिकट (प्लेटफॉर्म टिकट सहित) जारी नहीं किया जाएगा। केवल वैध कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। यात्रियों को चेहरा ढंकना अनिवार्य होगा और प्रस्थान के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और केवल यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी।

इधर रेल मंत्री ने कहा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार 300 श्रमिक ट्रेनें रोज चला रहे हैं। अगले 3 से 4 दिनों में श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचा दिया जायेगा। सभी राज्यों से अपील है कि वे अपनी अपनी तरफ से स्वीकृत्यादेश दें। समय से प्रवासी मजदूरों की लिस्ट दें। तो अगले तीन चार दिनों में प्रवासी मजदूरों की समस्या का निराकरण हो जायेगा। प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचा दिया जायेगा।
पीयूष गोयल ने कहा – रेलवे लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रहा है। सिर्फ प्रवासी मजदूर ही नहीं, बल्कि पर्यटक, स्टूडेंट्स और श्रद्धालुओं को उनके घर तक पहुंचा रही है। अभी तक 336 श्रमिक ट्रेनों का परिचालन हो गया है। इससे 4.40 लाख से ज्यादा लोगों को अपने घरों तक पहुंचा दिया गया है। इधर रेलवे ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद की अपनी रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है।

कोशिश हो रही है कि यदि लॉकडाउन के बाद ट्रेनें चलाई जाती हैं तो क्या व्यवस्था रखी जाये कि यात्रियों को असुविधा भी न हो और कोरोना वायरस से उनका बचाव भी हो सके। फिलहाल तो लॉकडाउन के बाद भी जब ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा तो शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस के साथ राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में भी सफर के दौरान यात्रियों को खाना अपने साथ लाना पड़ सकता है। सामान्य गाड़ियों में तो लाना ही होगा।

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