New Delhi : इस साल अब छात्रों पर फीस का कोई भी अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगी। आइआइटी समेत सभी शैक्षणिक संस्थानों में नए शैक्षणिक सत्र से फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आइआइटी और ट्रिपल-आइटी सहित ऐसे सभी संस्थानों में फीस बढ़ोतरी के प्रस्तावों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है।
इनमें इस साल से एमटेक की फीस में होने वाली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल फीस में बढोतरी न करने को लेकर वैसे तो सहमति बन गई है, लेकिन अभी इस पर फैसला होना बाकी है। वैसे भी फीस बढ़ाने का फैसला एक पूरी कमेटी का होता है। इसीलिए सभी की सहमति से ही इसे टाला जा सकता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अगुवाई में सितंबर 19 में हुई आइआइटी काउंसिल की बैठक में एमटेक फीस में बढ़ोतरी सहित कई बडे़ फैसले लिए गए थे। इसके तहत एमटेक की फीस में दस गुना तक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसे चरणबद्ध तरीके से अगले तीन सालों में लागू करना था। ऐसे में यह बढ़ोतरी नए सत्र 2020 से होनी थी। इसके चलते एमटेक की फीस करीब दो लाख रुपए सालाना करने का फैसला लिया गया था। अभी यह अलग-अलग संस्थानों में औसतन सालाना 20 से 50 हजार रुपए तक है। इसके साथ ही काउंसिल ने एमटेक के फीस के ढांचे को देशभर के सभी संस्थानों के लिए एक जैसा बनाने की भी सुझाव दिया था।