New Delhi : भक्त और भगवान के बीच कोरोना वायरस आ गया है। कोरोना से बचने के जो सुझाव और आदेश सरकार दे रही हैउनको मानते हुए सैकड़ों मंदिर बंद कर दिये गये हैं। गुरुवार तक 34 मंदिरों को बंद किए जाने की जानकारी आई थी। शुक्रवार को 44 मंदिर बंद किये गये। काशी विश्वनाथ मंदिर को भी 24 मार्च तक दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया है। सोमवार को जलाभिषेककरनेवालों की भीड़ को दूर रखने के लिये ऐसा किया गया है।
लेकिन माफ़ कीजियेगा ये कहते हुए बेहद शर्मिंदगी हो रही है कि कोरोना के संक्रमण का डर, PM Modi की अपील, सरकार के लोगोंके न इकट्ठा होने के सारे आदेश सिर्फ़ मंदिरों तक सीमित हैं, मस्जिदों पर बेअसर है। कल शुक्रवार को भी जामा मस्जिद में नमाज़ पढ़नेके लिये हज़ारों लोग इकट्ठा हुए। तमाम वो काम किया जो कोरोना संक्रमण से बचने के लिये ज़रूरी है। यही नहीं सारे छोटे बड़े मस्जिदोंपर जुमे की नमाज़ के लिये भारी भीड़ जुटी। हाजी अली दरगाह जैसे एक दो पवित्र स्थल ज़रूर बंद हुए हैं लेकिन मस्जिदों में भीड़ रोकनेके उपाय नहीं हो रहे हैं।
बहरहाल, कोरोनावायरस का असर देश के कई धर्मस्थलों पर पड़ा है। उत्तर प्रदेश के चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के मौके पर उत्तर प्रदेशके अयोध्या में लगने वाले मेले में स्थानीय प्रशासन ने लोगों से ना आने की अपील की है। शुक्रवार को प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिरऔर केरल के सबरीमाला मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया।
इससे पहले गुरुवार को गुजरात के सोमनाथ और द्वारिका सहित 4 बड़े मंदिर, तमिलनाडु के मदुरै के मीनाक्षी माता सहित 4 मंदिर, दिल्लीके इस्कॉन, मुंबई के महालक्ष्मी, जम्मू के रघुनाथ, सीकर के खाटू श्याम, पुरी के जगन्नाथ, चित्रकूट के कामतानाथ और आंध्र प्रदेश केतिरुपती बालाजी जैसे बड़े मंदिर बंद हुए थे। हरिद्वार में रोजाना होने वाली गंगा आरती भी 31 मार्च तक नहीं होगी। इन मंदिरों में लाखोंलोग प्रतिदिन जाते हैं। भीड़ को रोकने के मद्देनजर यह मंदिर बंद किए गए हैं। श्री माता वैष्णोदेवी यात्रा भी 31 मार्च तक रोक दी गई।वृंदावन में भगवान रंगनाथ जी की 171 साल पुरानी वार्षिक यात्रा भी स्थगित कर दी गई थी। मुंबई की हाजी अली दरगाह में भी जायरीनोंका प्रवेश बंद कर दिया गया है।
People gather in large numbers for Namaz amid Covid-19 scare | Master Stroke
Posted by ABP Live on Friday, March 20, 2020
सबरीमाला मंदिर के 28 मार्च से शुरू होने वाले 10 दिन के सालाना उत्सव में भी दर्शनार्थियों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा। 28 मार्चसे 8 अप्रैल तक चलने वाले इस उत्सव में दर्शन की अनुमति भी नहीं होगी। 8 अप्रैल को मंदिर में होने वाले आरत महोत्सव में भी भक्तोंको मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। फिलहाल मंदिर नियमित शेड्यूल के कारण बंद ही है।
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर को भी कोरोना वायरस से सुरक्षा के चलते 31 मार्च तक बंद किया गया है। कुंभकोणम मेंस्थित 1000 साल पुराने बृहदेश्वर महादेव मंदिर, धारासुरम् मंदिर, अरियालुर का चोला मंदिर भी इतिहास में पहली बार दर्शनार्थियों केलिए बंद किया गया है।
गुजरात के सभी प्रमुख मंदिर जिनमें सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, द्वारिका धाम, अंबाजी माता मंदिर और पावागढ़ माता मंदिर के साथ कई मंदिरश्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं।
कोरोनावायरस के कारण झंडेवालान मंदिर 21 मार्च से अगले आदेश तक बंद रहेगा।
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर को 31 मार्च तक के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। यहां भगवान जगन्नाथ केसाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी विराजित हैं। इस दौरान पुजारी भगवान की पूजा और आरती करते रहेंगे।
इस्कॉन मंदिर को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। इस्कॉन दिल्ली की वेबसाइट के मुताबिक, यह मंदिर 1995 में बनकर तैयारहुआ था। राधाकृष्ण के इस भव्य मंदिर के निर्माण पर 12 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
जम्मू के ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर को भी अगले आदेश तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर में पूजा–पाठ जारीरहेगा। इस मंदिर का निर्माण डोगरा राजाओं ने 1835 से 1865 के बीच कराया था।
राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम मंदिर को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। भगवान राम से जुड़े महत्वपूर्ण धार्मिकस्थल चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
यहां प्रतिदिन होने वाली गंगा आरती पर 31 मार्च तक रोक लगा दी गई है।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने श्रद्धालुओं के लिए बालाजी मंदिर बंद किया। मंदिर में पहले से मौजूद भक्तों की प्रार्थनाओं को पूरा करनेकी व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, सभी अनुष्ठान मंदिर के पुजारियों द्वारा पहले की तरह किया जाएगा।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट, आंध्र प्रदेश ने श्रीवेंकटेश तिरुपति बालाजी मंदिर को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। ट्रस्ट केपीआरओ टी. रवि के मुताबिक मंदिर में सिर्फ पुजारियों और ट्रस्ट के अधिकारियों को ही आने की अनुमति होगी। बालाजी के सारे पूजनऔर सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी लेकिन दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रहेगा। तिरुमाला पर्वत श्रृंखला की ओर आने वाले सारेरास्ते भी बंद कर दिए गए हैं।
जम्मू के कटरा स्थित श्री माता वैष्णोदेवी ट्रस्ट ने वैष्णो देवी यात्रा भी 31 मार्च तक रद्द कर दी है। फैसला ऐसे समय आया है, जब हरसाल इस सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ती है। पिछले कुछ दिनों में ही गर्भगृह के दर्शन के लिए रोजाना 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालुकटरा बेस कैंप आए।
कोरोनावायरस के कहर के चलते पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर भी बंद कर दिया गया है। यहां अब 31 मार्च तक श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे।हालांकि, मंदिर में पूजा नियमित रूप से की जाएगी।
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र के शिर्डी साई मंदिर को मंगलवार दोपहर तीन बजे से श्रद्धालुओं के लिए अगलेआदेश तक बंद कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश में खंडवा के पास स्थित ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल इस मंदिर को 31 मार्च तकबंद रखने का फैसला किया गया है। मंदिर के पुजारी तीन बार आरती करके भोग लगाते रहेंगे। अब तक ग्रहण के समय ही इस मंदिर केकपाट बंद किए जाते थे।
यहां होने वाली गंगा आरती में अब आम लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। यह निर्णय जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि ने कोरोनावायरसके बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा– दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा कीदैनिक आरती का स्वरूप 31 मार्च तक के लिए सांकेतिक किया गया है।
बेंगलुरु के राजाजी नगर और कनकपुरा रोड स्थित इस्कॉन टेम्प आज से आम लोगों के लिए अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
महाकाल मंदिर में सिर्फ भस्म आरती में भक्तों का प्रवेश बंद किया गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान यहां करीब 3-4 घंटे तकबड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित इस ज्योतिर्लिंग तीर्थ में भी मंगलवार से दर्शन बंद कर दिए गए हैं। यहबारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित इस ज्योतिर्लिंग में भी दर्शन बंद कर दिए गए हैं।
मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर को सोमवार से अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों कोमास्क पहनने और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
गुवाहाटी स्थित इस शक्तिपीठ में मंदिर प्रशासन ने रोजाना लगने वाले भोग को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया है। यहां श्रद्धालुओं कोहैंड सैनिटाइजर्स मुहैया कराया जा रहा है।
गोल्डन टैम्पल खुला है, लेकिन परिसर में गोल्डन टैम्पल प्लाजा बंद कर दिया गया है। यहां श्रद्धालुओं को हैंड सैनिटाइजर मुहैया करायाजा रहा है।
ज्योतिर्लिंग संस्थान को दर्शन के लिए बंद तो नहीं किया गया है, लेकिन संस्थान ने श्रद्धालुओं से वहां नहीं आने का आग्रह किया है।
महाराष्ट्र जिले के शिंगणापुर में शनिधाम को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। धर्मशाला स्थित मंदिर और सिद्धिबाड़ी स्थितग्यूतो मोनेस्ट्री में आम लोगों का प्रवेश एक महीने के लिए बंद कर दिया गया है।
मुम्बई के मुंबादेवी मंदिर, महालक्ष्मी, बबूलनाथ और इस्कॉन मंदिर 31 मार्च तक बंद रखने की घोषणा की गई है।
कांगड़ा में बृजेश्वरी मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर, बगलामुखी मंदिर, बिलासपुर जिले में स्थित मां नयना देवी मंदिर औरऊना जिले में स्थित चिंतपुर्णी मंदिर मंगलवार दोपहर से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं।
केरल के कोच्चि स्थित गुरुवायुर मंदिर में सीमित संख्या में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है। खास तौर पर 20 मार्च से 28 मार्च के बीचयहां होने वाले भारणी महोत्सव को देखते हुए यह पाबंदी लागू की गई है। इस दौरान यहां काफी भीड़ होती है।
दुनियाभर में संस्था के सभी केंद्रों पर अगले आदेश तक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव नेकहा है कि उनके केंद्रों में रहने वालों के स्वास्थ्य की हर तीन दिन में जांच की जाएगी। कोयंबटूर स्थित आश्रम में आदियोगी प्रतिमा औरध्यानलिंग भी आम लोगों के दर्शन के लिए बंद किए गए हैं।