New Delhi : इस तरह विकास के आंतक का खात्मा हो गया। उसकी मौत के साथ ही कई राज दफन हो गए। बताया जा रहा है कि विकास अगर पूछताछ में मुंह खोल देता तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो जाते। उज्जैन पुलिस और एसटीएफ की टीमों ने उससे कल कई घंटों तक पूछताछ की थी। इसके बाद उसे यूपी भेजा गया था।
इधर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस और युपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा – दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है।
दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 10, 2020
महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी के बाद विकास के नजदीकियों की बेचैनी बढ़ गई थी। विकास के मारे जाने के बाद भी उसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मदद करने वाले लोग मुश्किल में फंस सकते हैं। बताया जा रहा है कि अगर विकास मुंह खोलता तो नेता, अफसर और अपराधी गठजोड़ का खुलासा हो जाता। जिससे कई मुश्किल में होंते। हिस्ट्रीशीटर के साथ रहने वाले, मदद करने वाले तमाम लोग अभी से पसीना-पसीना हो चुके थे कि विकास ने उनका नाम ले लिया तो पुलिस नींद हराम कर देगी। इस बात की संभावना भी थी कि विकास उन चेहरों को भी बेनकाब कर देगा जो सत्ता के गलियारे से इसकी मदद कर रहे थे।
पुलिस के साथ विकास दुबे के संबंधों के बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं। चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ और बीट दरोगा केके शर्मा के खिलाफ एफआईआर और फिर गिरफ्तारी इसका सबूत है। विकास के राजनीतिक संबंधों को लेकर पूर्व में वीडियो जारी वायरल हुआ था। इसमें उसने सत्ताधारी नेताओं के अलावा जनप्रतिनिधियों का नाम लिया था।
विकास की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ, कानपुर, मध्य प्रदेश में कई ऐसे बड़े लोगों की दिल की धड़कनें बढ़ा थी। उनका नाम सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें तेजी से बढ़ेंगी। उन पर कानून का शिकंजा बढ़ सकता है। उन्हें अपने कनेक्शन के बारे में जानकारी देनी पड़ सकती है।