New Delhi : कानुपर के गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार पकड़ा गया। वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस गिरफ्तारी पर कहा है- सरकार स्पष्ट करे कि ये गिरफ्तारी है या आत्म समर्पण। विकास दुबे के फोन का सीडीआर जारी करे जिससे स्पष्ट हो सके कि वास्तव में हुआ क्या है? इसमें सबकुछ सामान्य नहीं है।
अखिलेश प्रसाद ने इस मसले पर ट्वीट किया- ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।
बता दें कि गुरूवार दो जुलाई की रात 12 बजे शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली थाने के 35 पुलिसकर्मियों ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश दी थी। फिर इसमें आठ पुलिसवालों की जान लेने के बाद वो फरार हो गया।
घटना के बाद एक दर्जन थानों की पुलिस और सीओ सर्किल की फोर्स में मौजूद 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने बिकरू समेत आसपास के पांच गांवों को घेर लिया। पूरी रात सर्च आपरेशन चला। सुबह डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ के तेज तर्रार जवानों की मौजूदगी में पुलिस ने घेराबंदी और तगड़ी की। बिकरू से 10 किलोमीटर दूर विकास दुबे के दो सहयोगियों का इनकाउंटर हुआ।
तीन जुलाई को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानपुर पहुंचे और शहीद के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के इस्पेक्टर विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया।
चार जुलाई को पुलिस ने विकास दुबे का घर बुलडोजर चलवा कर नेस्तनाबूद कर दिया। उसकी लग्जरी कारें तोड़ दीं। पूरी रात सर्च आपरेशन चला।
पांच जुलाई को विकास का नौकर और शार्प शूटर कल्लू शहर से भागने की फिराक में था तभी कल्याणपुर में मुढभेड़ के बाद धर दबोचा गया। छह जुलाई को पुलिस ने कल्लू की पत्नी समेत विकास को मदद करने वाले विकास के साढ़ू समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उधर, डीजीपी ने आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर विकास की इनामी राशि ढाई लाख कर दी। सात जुलाई को पुलिस ने विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी किया। देर रात पुलिस को हरियाणा के फरीदाबाद के एक होटल में विकास दुबे की लोकेशन मिलती है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास वहां से फरार हो गया।
इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया गया। चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। आठ जुलाई की सुबह विकास के सबसे करीबी अमर दुबे का पुलिस हमीरपुर के पास इनकाउंटर करती है। इसके बाद विकास दुबे का एक और साथी श्यामू वाजपेई को चौबेपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है।…और नौ जुलाई सुबह कानपुर में विकास का साथी प्रभात और इटावा में प्रवीण का इनकाउंटर होता है। उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिये पहुंचे विकास दुबे को गिरफ्तार किया जाता है।