New Delhi: विद्या बालन अपनी ये कहानी खुद बता चुकी हैं। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने ने कहा था कि जब टीवी शोज़ करके वह ऊब गई थीं तो वह फिल्मों की तरफ मुड़ीं। तब विद्या ने साउथ का रुख किया और फिर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें उनकी पहली मलयालम फिल्म मिली और ये फिल्म दक्षिण के सुपरस्टार मोहनलाल के साथ थी।
ये कहानी विद्या बालन के करियर के सबसे बुरे दौर की है। विद्या बालन को तब फिल्म इंडस्ट्री में प्रड्यूसर्स पनौती मानने लगे थे। विद्या ने इसके पीछे की पूरी वजह बताई थी और सुनाया था कैसे एक-एक कर सारे फिल्ममेकर्स ने उनसे उनका काम छीन लिया था। विद्या की आंखों से आंसू छलक पड़े थे। मजेदार तो ये है कि एक प्रड्यूसर ने विद्या बालन से उनकी जन्म कुंडली तक मांग डाली थी।
इसके बाद तो विद्या को भी लगने लगा कि कहीं वो पनौती तो नहीं हैं। फिल्मों में काम करने के लिए विद्या को काफी स्ट्रगल करना पड़ा है। वो ऑडिशन देतीं और सामने से लोग उन्हें ना कर देते। हालांकि, विद्या इन वजहों से रुकी नहीं और कोशिश करती रहीं। फिल्म ‘परिणीता’ के लिए उन्होंने ऑडिशन दिए तो कई बार इसके लिए स्क्रीन टेस्ट भी देना पड़ा था।
विद्या ने कहा था, ‘रिजेक्शन के अजीबो-गरीब दौर से गुजरी मैं। उन दिनों एक फिल्म के तो बड़े-बड़े पोस्टर लग गए थे, एक शेड्यूल पूरा भी हो गया और फिर जब मैंने सुना कि उन्होंने मेरी जगह किसी और को ले लिया है तो मेरी आंखों से आंसू निकल पड़े।’ विद्या ने कहा, ‘मुझे नॉन डांसर और बदसूरत कह कर रिजेक्ट किया गया। एक प्रड्यूसर ने तो फिल्म साइन करने से पहले मेरे हॉरोस्कोप की मांग की।’